नई दिल्ली : पाकिस्तानी हैंडलर्स से टेलीग्राम पर मिली जानकारी से बम बनाने की तकनीकें आजमाता था डॉ. उमर
New Delhi: Dr. Umar used to experiment with bomb-making techniques using information received via Telegram from Pakistani handlers.
राजधानी दिल्ली के लाल किले के पास हुए ब्लास्ट में नई-नई जानकारी सामने आ रही है। 10 नवंबर को हुए इस धमाके में डॉ. उमर नबी का हाथ था। जांच में पता चला है कि उसने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के पास अपने घर पर एक लैब बनाई थी। जहां पर वह अपने पाकिस्तानी हैंडलर्स से टेलीग्राम पर मिली जानकारी से बम बनाने की तकनीकें आजमाता था। जांच से जुडे सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि लाल किले में इस्तेमाल हुआ इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस संभवतः इसी घर की लैब में बनाया गया था।
नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली के लाल किले के पास हुए ब्लास्ट में नई-नई जानकारी सामने आ रही है। 10 नवंबर को हुए इस धमाके में डॉ. उमर नबी का हाथ था। जांच में पता चला है कि उसने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के पास अपने घर पर एक लैब बनाई थी। जहां पर वह अपने पाकिस्तानी हैंडलर्स से टेलीग्राम पर मिली जानकारी से बम बनाने की तकनीकें आजमाता था। जांच से जुडे सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि लाल किले में इस्तेमाल हुआ इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस संभवतः इसी घर की लैब में बनाया गया था। हरियाणा के फरीदाबाद में डॉ. उमर के घर पर हुई छापेमारी में यह लैब मिली, जिसमें बम बनाने के उपकरण और विस्फोटकों के निशान मिले है। जांच एजेंसी यह जानकारी फरीदाबाद स्थित जैश मॉड्यूल के पकड़े गए डॉक्टरों, खासकर मुजम्मिल गनाई से पूछताछ के दौरान मिली।
पाक हैंडलर्स से सीधे संपर्क में था उमर
डॉ. उमर और 'सफेदपोश' आतंकी मामले में आरोपी दो अन्य डॉक्टर- डॉ. मुजम्मिल और डॉ. अदील राथर- एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम के जरिए जैश के तीन पाकिस्तानी हैंडलर्स फैसल, हाशिम और उकाशा के सीधे संपर्क में थे। ये हैंडलर्स उन्हें निर्देश, कट्टरपंथी वीडियो और बम बनाने के DIY (डू इट योरसेल्फ) वीडियो भेजते थे।
एजेंसियों का मानना है कि डॉ. उमेर इन तीनों में बम बनाने का माहिर था, इसीलिए उसने अपने घर पर लैब बनाई थी। वह अकेले ही DIY वीडियो देखकर IED बनाता था और विस्फोटकों व ट्रिगरिंग मैकेनिज्म की जांच करता था ताकि बम ज्यादा खतरनाक बन सके।
बड़े पैमाने पर जब्त किए गए थे विस्फोटक
8 से 10 नवंबर के बीच फरीदाबाद में दो अलग-अलग घरों से विस्फोटकों के दो बड़े बैच जब्त किए गए थे, जिनका वजन 358 किलोग्राम और 2,563 किलोग्राम था। ये विस्फोटक सूटकेस और बैग में पैक थे, और इनमें चोट पहुंचाने के लिए इस्तेमाल होने वाले धातु के टुकड़े नहीं मिले थे, जिससे पता चलता है कि बम अभी बनने बाकी थे। सूत्रों के अनुसार, दिल्ली कार ब्लास्ट, जिसे एजेंसियां गलती से हुआ धमाका मान रही हैं और शुक्रवार रात नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए दुर्घटनाग्रस्त विस्फोट के बीच संभावित संबंध की जांच की जा सकती है।

