आम जनता से ठगी, जादू-टोना करनेवालों से दूर रहने की हिदायत...

Instructions to stay away from those who cheat, witchcraft from the general public...

आम जनता से ठगी, जादू-टोना करनेवालों से दूर रहने की हिदायत...

आम लोग अपनी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए तांत्रिक और पीर बाबाओं का सहारा लेते हैं। इसी का फायदा उठाकर ढोंगी ठग आम जनता से ठगी करते हैं और उन्हें ऐसे कार्य करने को कहते हैं, जो गैरकानूनी होता है। पुलिस और अंधश्रद्धा निर्मूलन संस्थाओं ने इस तंत्र को आम जनता के लिए षड्यंत्र बताया है और बचके रहने की हिदायत दी है।

मुंबई : आम लोग अपनी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए तांत्रिक और पीर बाबाओं का सहारा लेते हैं। इसी का फायदा उठाकर ढोंगी ठग आम जनता से ठगी करते हैं और उन्हें ऐसे कार्य करने को कहते हैं, जो गैरकानूनी होता है। पुलिस और अंधश्रद्धा निर्मूलन संस्थाओं ने इस तंत्र को आम जनता के लिए षड्यंत्र बताया है और बचके रहने की हिदायत दी है।

बता दें कि अंधविश्वास में इंसान वह भी कर जाता है जो उसे नहीं करना चाहिए। पुलिस प्रशासन और अंधश्रद्धा निर्मूलन सामाजिक संस्थाएं आम जनता को अंधश्रद्धा से बचाने के लिए जनता में जनजागृति करती हैं। इसके बावजूद कई लोग जादू, टोना और तंत्रों में विश्वास रखते हैं। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया था, जिसमें एक तांत्रिक ने एक महिला को गर्भवती होने के लिए हड्डियों का चूर्ण खिलाया। इस मामले में विभिन्न धाराओं के तहत कुल ७ लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है।

अंधश्रद्धा निर्मूलन संस्था द्वारा मिली जानकारी के अनुसार वर्ष २०१३ में अंधश्रद्धा विरोधी अधिनियम की धारा ३ (महाराष्ट्र मानव बलिदान की रोकथाम और उन्मूलन और अन्य अमानवीय, दुष्ट और अघोरी प्रथाएं, काला जादू अधिनियम, २०१३) के तहत मामला दर्ज किया जाता है। कानून और विज्ञान जादू-टोना और तंत्र को नहीं मानता। इसके बावजूद आम जनता तांत्रिक ठगों पर भरोसा कर ठगी के शिकार हो जाती है।


ठाणे पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त अशोक मोराले ने बताया कि तंत्र और तांत्रिक केवल अपने आर्थिक लाभ के लिए परेशान आम लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। आम लोग भी अपनी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए ढोंगियों पर भरोसा कर खुद की ठगी करवा लेते हैं। पुलिस के मुताबिक आम नागरिक ऐसे ढोंगियों से बचकर रहें, वही बेहतर हैं।

अंधश्रद्धा निर्मूलन संस्था के राज्य कार्यवाह कृष्णा चांदगुडे ने बताया कि जिन तांत्रिक और पीर बाबा जिनके पास कोई काम नहीं हैं, वे काले जादू के नाम पर अपनी दुकान खोल रखी है। ये वही ठग हैं, जो आम जनता की समस्याओं का फायदा उठाकर उन्हें आर्थिक और शारीरिक यातनाएं देकर ठगी करते हैं। ऐसे लोगों से दूरियां बनाए रखने में ही आम जनता की भलाई है।

वर्ष २०१३ में अंधश्रद्धा विरोधी अधिनियम की धारा ३ में संशोधन किया गया था। मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष २०१३ से अब तक पूरे महाराष्ट्र में लगभग १,५०० ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें आम जनता के साथ अंधश्रद्धा के मामले में ठगी हुई है।

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