
महाराष्ट्र में सेमीकंडक्टर यूनिट को लेकर गरमाई सियासत... NCP ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन
Politics heats up over semiconductor unit in Maharashtra... NCP protests against government
सेमीकंडक्टर यूनिट को महाराष्ट्र से गुजरात में स्थापित करने की घोषणा की है। इसके साथ ही महाराष्ट्र में सियासत गरमा गई है। बुधवार को राकांपा नेता सुप्रिया सुले के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। वहीं वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने इस कदम को लेकर सफाई दी है।
महाराष्ट्र : सेमीकंडक्टर यूनिट को महाराष्ट्र से गुजरात में स्थापित करने की घोषणा की है। इसके साथ ही महाराष्ट्र में सियासत गरमा गई है। बुधवार को राकांपा नेता सुप्रिया सुले के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। वहीं वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने इस कदम को लेकर सफाई दी है।
मुख्यमंत्री शिंदे को जवाबदेह होने की जरूरत: सुप्रिया सुले
राकांपा नेता सुप्रिया सुले ने कहा, यह बहुत निराशाजनक है कि तीन लाख से ज्यादा छात्र नौकरियों से वंचित होने जा रहे हैं। महाराष्ट्र के सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आकर सरकार के खिलाफ लड़ना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पिछली सरकार के भी हिस्सा थे, तब क्या कर रहे थे, कुछ क्यों नहीं बोले? वह दो महीने से अधिक समय से मौजूदा मुख्यमंत्री हैं, अगर उन्हें नेतृत्व करना है तो उन्हें जिम्मेदारी लेने और जवाबदेह होने की जरूरत है।
गुजरात में सेमीकंडक्टर यूनिट के लिए 1.54 लाख करोड़ रुपये का निवेश होने के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने भी आरोप लगाया कि शिंदे गुट की वजह से यह भारी-भरकम परियोजना महाराष्ट्र के हाथ से निकल गई है।
वहीं इस फैसले पर सफाई देते हुए वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि हमने कुछ महीने पहले गुजरात का फैसला किया क्योंकि वे हमारी उम्मीदों पर खरे उतरे। महाराष्ट्र ने अन्य राज्यों को पछाड़ने की कोशिश की लेकिन पेशेवर और स्वतंत्र सलाह के आधार पर हमने गुजरात को भी चुना। हम गुजरात में निवेश के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अग्रवाल ने यह भी कहा कि वेदांता, एपल के आईफोन व टीवी उपकरणों को बनाने के लिए एक यूनिट स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। इसमें इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को बनाया जा सकता है। इस यूनिट को महाराष्ट्र में स्थापित किया जाएगा। महाराष्ट्र में भी गुजरात की तर्ज वाला प्रोजेक्ट होगा। हालांकि वेदांता के संस्थापक अग्रवाल ने इसका खुलासा नहीं किया कि यह उपक्रम किसके साथ होगा। अग्रवाल ने आगे कहा कि सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले ग्लास प्रोडक्शन में हमारा निवेश पूरे देश में उद्योगों का एक इकोसिस्टम तैयार करेगा।
हम महाराष्ट्र के लिए भी प्रतिबद्ध हैं और जल्द ही एक हब बनाएंगे। उन्होंने कहा कि वेदांता और फॉक्सकॉन पिछले दो वर्षों से स्थानों का आकलन कर रहे हैं और राज्य की सरकारों से बातचीत कर रहे हैं। उम्मीद है कि देश के विकास के लिए आने वाले वर्षों में यह वार्तालाप जारी रहेंगे। वेदांता के चेयरमैन ने आगे कहा कि हम (वेदांता-फॉक्सकॉन) कई अरब डॉलर के निवेश के लिए स्थान का आकलन कर रहे हैं।
यह एक साइंटिफिक और फाइनेंशियल प्रोसेस है जिसमें कई साल लग जाते हैं। हमने इसे दो साल पहले शुरू किया था। अग्रवाल ने कहा कि हमारी टीम ने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कुछ राज्यों जैसे गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु आदि को शॉर्टलिस्ट किया।
पिछले दो वर्षों से हम इन सभी राज्य सरकारों के साथ-साथ केंद्र सरकार के साथ भी जुड़े हुए हैं और हमें अच्छा समर्थन मिल रहा है। इस बीच वेदांता सिसोर्सेज ने कहा है कि उसकी ओड़िशा में अपने एल्यूमीनियम, फेरोक्रोम और खनन व्यवसायों के विस्तार के लिए 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना है, जो राज्य के लिए राजस्व और रोजगार के अवसर पैदा करेगा। बता दें कि वेदांता रिसोर्सेज का राज्य में 80 हजार करोड़ रुपये का सबसे बड़ा निवेश है।
कंपनी की ओर से एक बयान में कहा गया है कि इस तरह का बड़ा निवेश ओड़िशा की जीडीपी में लगभग चार प्रतिशत का योगदान दे रहा है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 'मेक इन ओडिशा 2022' रोड शो के मौके पर वेदांता रिसोर्सेज के चेयरमैन अनिल अग्रवाल के साथ मुलाकात की। बयान में अग्रवाल के हवाले से कहा गया है कि कंपनी ने पांच लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा किए हैं और राज्य में सैकड़ों सूक्ष्म, लघु और मध्यम (एमएसएमई) उद्योगों को प्रोत्साहन दिया है।
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