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कल्याण : कोर्ट ने दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी को बरी किया; मां कोर्ट में हो गई बेहोश

कल्याण : कोर्ट ने दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी को बरी किया; मां कोर्ट में हो गई बेहोश मुंबई से सटे कल्याण में कोर्ट ने दुष्कर्म के एक मामले में जब आरोपी को बरी किया तो उसकी मां कोर्ट में बेहोश हो गई। युवक पर 6 साल की बच्ची से बलात्कार करने का आरोप लगा था। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में उसे बरी किया, तो मां कोर्ट में बेहोश हो गई। इसके बाद यह पूरी घटना सुर्खियों में आ गई। घटना के वक्त आरोपी युवक के परिजनों ने कहा था कि वह निर्दोष है लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हु पुलिस ने उसे अरेस्ट किया था। इसके बाद उसे अलग-अलग परिस्थितियों के चलते छह साल जेल में काटने पड़े। कोर्ट ने जब फैसला सुनाय तो मां की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। 
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मुंबई : 2006 के मुंबई ट्रेन विस्फोट;  बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन सभी 12 लोगों को बरी कर दिया

मुंबई : 2006 के मुंबई ट्रेन विस्फोट;  बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन सभी 12 लोगों को बरी कर दिया बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन सभी 12 लोगों को बरी कर दिया, जिन्हें 2006 के मुंबई ट्रेन विस्फोटों में कथित भूमिका के लिए ट्रायल कोर्ट ने दोषी ठहराया था । यह महत्वपूर्ण फैसला 19 साल बाद आया। बॉम्बे हाईकोर्ट की एक विशेष पीठ ने फैसला सुनाया कि अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य आरोपियों को दोषी ठहराने के लिए निर्णायक नहीं थे। इसके बाद अदालत ने सभी आरोपियों को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया।
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ठाणे : नशे की हालत में दोस्त की हत्या करने के आरोपी को अदालत ने किया बरी...

 ठाणे  : नशे की हालत में दोस्त की हत्या करने के आरोपी को अदालत ने किया बरी... ठाणे जिले की अदालत ने 29 साल के शख्स को बरी कर दिया है। उस पर नशे की हालत में अपने दोस्त पर हमला करने और उसकी हत्या करने का आरोप था। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एस बी अग्रवाल ने आशु छोटेलाल बर्मन को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत आरोपों से बरी करते हुए कहा कि मामले में दूसरा पहलू भी हो सकता है इसे ध्यान में रखते हुए बरी किया जाना चाहिए। यानी संदेह का लाभ दिया जाना चाहिए। बता दें, यह आदेश 24 सितंबर को जारी किया गया था।
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बॉम्बे हाई कोर्ट ने डीयू के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को किया बरी

बॉम्बे हाई कोर्ट ने डीयू के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को किया बरी मार्च 2017 में गढ़चिरौली सत्र न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत शिंदे द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद, साईबाबा ने बॉम्बे हाई कोर्ट (नागपुर बेंच) और न्यायमूर्ति रोहित बी देव और न्यायमूर्ति अनिल पानसरे की खंडपीठ में फैसले को चुनौती दी थी। 14 अक्टूबर, 2022 को साईबाबा को बरी कर दिया गया।
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