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महाराष्ट्र : बारिश से 20.12 लाख एकड़ फसल बर्बाद... इस जिले में हालात गंभीर, सरकार ने किया बड़ा ऐलान

महाराष्ट्र : बारिश से 20.12 लाख एकड़ फसल बर्बाद...  इस जिले में हालात गंभीर, सरकार ने किया बड़ा ऐलान महाराष्ट्र के कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने बताया कि मूसलाधार बारिश से राज्य के 19 जिलों में फसलों को नुकसान हुआ है। अब तक 20 लाख 12 हजार 775 एकड़ क्षेत्र की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है। इसमें सोयाबीन, मक्का, कपास, उड़द, तुअर, मूंग सहित कई खरीफ फसलें शामिल हैं। भरणे ने वाशिम में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अकेले नांदेड जिले में 7.13 लाख एकड़ क्षेत्र की फसल को नुकसान पहुंचा है।
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मुंबई : मोतीलाल नगर पुनर्विकास परियोजना; 142 एकड़ जमीन पर बने घरों को फिर से बनाया जाएगा

मुंबई : मोतीलाल नगर पुनर्विकास परियोजना; 142 एकड़ जमीन पर बने घरों को फिर से बनाया जाएगा महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी ने अडानी ग्रुप के साथ एक समझौता किया। यह समझौता गोरेगांव (पश्चिम) में मोतीलाल नगर पुनर्विकास परियोजना के लिए है। इस परियोजना में 142 एकड़ जमीन पर बने घरों को फिर से बनाया जाएगा। लगभग 3,700 लोग यहां रहते हैं। उन्हें 1,600 वर्ग फुट के अल्ट्रा मॉडर्न अपार्टमेंट में फिर से बसाया जाएगा। यह देश का सबसे बड़ा पुनर्विकास प्रोजेक्ट है। इसे कंस्ट्रक्शन-एंड-डेवलपमेंट  मॉडल के जरिए पूरा किया जाएगा।
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ठाणे के मोघरपाड़ा इलाके में फैले ४३५ एकड़ हरित क्षेत्र में मेट्रो लाइन ४ के लिए कार शेड का प्रस्ताव

ठाणे के मोघरपाड़ा इलाके में फैले ४३५ एकड़ हरित क्षेत्र में मेट्रो लाइन ४ के लिए कार शेड का प्रस्ताव ठाणे के मोघरपाड़ा इलाके में फैले ४३५ एकड़ (१७६ हेक्टेयर) हरित क्षेत्र में मेट्रो लाइन ४ के लिए कार शेड बनाने के प्रस्ताव पर राज्य सरकार विचार कर रही है। इस जमीन का इस्तेमाल अब तक खेती के लिए किया जाता रहा है, लेकिन अब इसे मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए आरक्षित करने की योजना है। राज्य के नगरविकास विभाग ने इस संबंध में २० मार्च को अधिसूचना जारी कर सार्वजनिक सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं। अंतिम निर्णय इन्हीं प्रतिक्रियाओं के बाद लिया जाएगा।
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महाराष्ट्र में प्री मानसून बारिश से हजारों एकड़ प्याज की फसल बर्बाद... किसानों को भारी नुकसान

महाराष्ट्र में प्री मानसून बारिश से हजारों एकड़ प्याज की फसल बर्बाद... किसानों को भारी नुकसान महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक किसान संघ के संस्थापक अध्यक्ष भारत दिघोल्ड ने कहा कि केंद्र सरकार को देश में आवश्यक वार्षिक उत्पादन को सार्वजनिक करना चाहिए ताकि किसान इसके मुताबिक योजना बना सकें और अतिरिक्त उपज का निर्यात किया जा सके। ऐसी स्थिति में प्याज की कोई कमी नहीं होगी और उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर प्याज मिल सकेगा। जब प्याज की कीमतें बढ़ती हैं, तो सरकार निर्यात शुल्क, न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाकर और निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर इसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठाती है। इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है।
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