बांद्रा पुलिस ठाणे निर्दोष युवाओं पर झूठे बाइक केस बनाकर युवाओं के करियर कर रही बर्बाद , ताकि दोषसिद्धि दर में वृद्धि हो सके
Bandra Police Station is ruining the careers of innocent youth by filing false bike cases against them so that conviction rate can increase.
मुंबई : मुंबई पुलिस क्षेत्राधिकार सभी पुलिस स्टेशनों में दोषसिद्धि की दर धीमी है, अदालत में लगभग 20 से 30 प्रतिशत सज़ा लगा पाती है । इससे देखते हुए बांद्रा पुलिस ठाणे के वरिष्ट पुलिस इंस्पेक्टर मराते ने नाकाबंदी और अन्य स्तनों से युवा लड़को को निशाना बनाने को कहा जो बिना हेलमेट या लाइसेंस के हो ।
अधिकारी ऐसे युवाओ को पुलिस ठाणे लेके जाते है 5 घंटे से ज्यादा बिठाके उनपर रेश ड्राइविंग का केस बनाते है उन्हें ४१ आ कि नोटिस पर हस्ताक्षर लेके नोटिस वापिस लेते है जो नोटिस उन्हें देना होताह जिसपर मुकदमा हुआ है । अगर नोटिस दिया गया तो एक्सपोज़ होजाएंगे ।
बाइक सवारों पर मामला दर्ज होना चाहिए जो लापरवाही से वाहन चलाते हैं, लेकिन पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पाती, क्योंकि वे समूह में आते हैं , अपने वरिष्ठों को खुश करने के लिए वे निर्दोष युवाओं को निशाना बनाते हैं और उनका करियर बर्बाद कर देते हैं ।
मुंबई पुलिस कमिश्नर को इस मामले की जांच करनी चाहिए और युवाओं के करियर बर्बाद करने के लिए बांद्रा पुलिस स्टेशन के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इस प्रकार के मामले तब से दर्ज किए जा रहे हैं जब से वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मराठे ने कार्यभार संभाला है । यूट्यूब पर स्थानीय चैनल पर एक वीडियो वायरल है जिसमें बताया गया है कि बांद्रा पुलिस मुस्लिम युवकों को निशाना बना रही है।
Comment List