मीरा-भायंदर में वाहन चालकों की हालत आगे पहाड़ पीछे खाईं जैसी...सड़क पर वाहन खड़ी करें तो उठा ले जाती है पुलिस 

In Mira-Bhayandar, the condition of the drivers is like a mountain in the front and a ditch in the back… If the vehicle is parked on the road, the police takes it

मीरा-भायंदर में वाहन चालकों की हालत आगे पहाड़ पीछे खाईं जैसी...सड़क पर वाहन खड़ी करें तो उठा ले जाती है पुलिस 

मीरा-भायंदर में वाहन चालकों की हालत आगे पहाड़ पीछे खाईं जैसी है। अधिकांश सार्वजनिक जगहों पर वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था नहीं है और अगर सड़क पर गाड़ी पार्क की तो यातायात पुलिस उठा ले जाती है। मतलब चालकों को मजबूरी में मुसीबत मोल लेनी पड़ती है।

भायंदर : मीरा-भायंदर में वाहन चालकों की हालत आगे पहाड़ पीछे खाईं जैसी है। अधिकांश सार्वजनिक जगहों पर वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था नहीं है और अगर सड़क पर गाड़ी पार्क की तो यातायात पुलिस उठा ले जाती है। मतलब चालकों को मजबूरी में मुसीबत मोल लेनी पड़ती है।

भारतीय जनता पार्टी ने इसे अन्यायकारी बताया है और बिना पार्किंग इंतजाम वाले सार्वजनिक स्थलों से गाडियां नहीं उठाने की मांग की है। इसके लिए बीजेपी जिला अध्यक्ष एडवोकेट रवि व्यास और कोषाध्यक्ष सुरेश खंडेलवाल ने क्रमशः पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है। 

उनका कहना है कि मीरा-भायंदर महानगरपालिका मुख्यालय, महानगरपालिका प्रभाग कार्यालय, बैंक, अस्पताल, पोस्ट ऑफिस, पूजा स्थल, पुलिस थाने, पुलिस आयुक्तालय और उपायुक्त कार्यालय, कई प्रतिष्ठान आदि सार्वजनिक जगहों पर वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था ही नहीं हैं। मजबूरी में लोग सड़क पर गाड़ी पार्क करते हैं, लेकिन वहां गाड़ियां यातायात पुलिस उठा ले जाती है।

खंडेलवाल ने कहा कि यह पुलिसिया कार्रवाई न्याय संगत नहीं हैं। उन्होंने इसे रोकने की मांग पुलिस कमिश्नर से की है। खंडेलवाल ने कहा कि दूसरी तरफ कई जगह सर्विस रोड, फुटपाथ और सड़क पर सेकंड हैंड गाड़ियां बिक्री और मरम्मत के लिए गैरेज के बाहर खड़ी रहतीं हैं। उन पर कार्रवाई नहीं होती है।

उन्होंने कहा कि यातायात पुलिस का यह दोहरा मापदंड है। जिलाध्यक्ष रवि व्यास ने कहा कि आबादी के साथ ही गाड़ियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। लोग पूजा-पाठ, महानगरपालिका, पुलिस, बैंक में काम और खरीदारी के लिए दुकानों में जाते हैं, तो स्वाभाविक है वहीं पर गाड़ियां पार्क करेंगे। गाड़ी उठा ले जाने से लोगों का समय और पैसा दोनों बर्बाद होता है। ऊपर से उन्हें मानसिक परेशानी भी झेलनी पड़ती है ।

इस मामले पर पूर्व नगरसेवक रोहित सुवर्णा ने कहा कि गाड़ी उठाने का एक नियम है। जिसके तहत गाड़ी उठाने से पहले पुलिस को मेगा फोन से उसे हटाने की उद्घोषणा उसके नंबर और रंग की जिक्र के साथ करनी होती है। इसके बावजूद भी अगर चालक गाड़ी नहीं हटाता है तभी पुलिस गाड़ी टोइंग कर  ले जा सकती है। गाड़ी टोइंग करते समय क्षतिग्रस्त ना हो इसके लिए टोइंग वन रैंप वाली होनी जरूरी है, लेकिन इसका पालन यातायात पुलिस नहीं करती हैं।

यातायात पुलिस के सहायक पुलिस निरीक्षक महेश कड का कहना है कि वाहनों की टोइंग यातायात सुचारू रखने के लिए की जाती है। अगर चालक सड़क के दोनों तरफ गाड़ी पार्क कर देंगे, तो ट्राफिक जाम होगा और आम आदमी को चलने में परेशानी होगी। यातायात जाम और लोगों को परेशानी न हो, इस उद्देश्य से गाड़ियों की टोइंग की जाती हैं।

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