
मुंबई में साइबर पुलिस ने की कार्रवाई...एप के जरिए लोगों को ठगने के आरोप में चार गिरफ्तार
Cyber police took action in Mumbai… Four arrested for cheating people through app
मुंबई साइबर पुलिस ने ऑनलाइन मार्केटप्लेस एप के जरिये लोगों से ठगी करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। साइबर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर क्षेत्र साइबर पुलिस ने राजस्थान और उत्तर प्रदेश में छापेमारी के दौरान चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
मुंबई : मुंबई साइबर पुलिस ने ऑनलाइन मार्केटप्लेस एप के जरिये लोगों से ठगी करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। साइबर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर क्षेत्र साइबर पुलिस ने राजस्थान और उत्तर प्रदेश में छापेमारी के दौरान चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के पास से दो लाख रुपये नकद, नौ मोबाइल फोन, विभिन्न बैंकों के 32 एटीएम कार्ड, चेकबुक और चार सिम कार्ड बरामद किए हैं।
अधिकारी के अनुसार धोखाधड़ी का पता तब चला जब एक पीड़ित ने साइबर पुलिस से संपर्क कर इसकी जानकारी दी। उसकी ओर से दावा किया गया कि उसने 17.82 लाख रुपये गंवा दिए हैं। उन्होंने पिछले साल अगस्त में शिकायत दर्ज कराई थी।
उन्होंने कहा कि जांच में पता चला कि लोगों को ठगने के लिए 835 मोबाइल नंबरों और 38 आईईएमआई नंबरों का इस्तेमाल किया। अपराध में इस्तेमाल किए गए एक मोबाइल नंबर का नाम मुंबई में दर्ज 10 अपराधों में था, जिसमें 53.74 लाख रुपये की धोखाधड़ी शामिल थी। अधिकारी ने बताया कि धोखाधड़ी की 577 शिकायतों और महाराष्ट्र में दर्ज 269 मामलों में यही मोबाइल नंबर सामने आया था।
पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता अपना पुराना फर्नीचर बेचना चाहता था और उसने एक ऑनलाइन मार्केटप्लेस एप्लिकेशन पर तस्वीरें पोस्ट की थीं। अधिकारी ने बताया कि आरोपी व्यक्ति ने विज्ञापन के जवाब में पीड़ित से संपर्क किया और उसे भुगतान करने के लिए अपना बैंक विवरण भेजने के लिए कहा और एक क्यूआर कोड स्कैनर भी भेजा।
इसके बाद आरोपी ने पीड़ित को 9,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए। लेकिन कुछ समय बाद जालसाज ने उसे दो बैंक खातों में स्थानांतरित करके पैसे वापस करने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में आरोपी पीड़ित के बैंक खाते तक पहुंच बनाने में कामयाब रहा और उससे 17.82 लाख रुपये ठग लिए। उत्तर क्षेत्र साइबर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 419, 420 (धोखाधड़ी) और अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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