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चचेरे भाई की पार्टी में शामिल न होने पर हत्या... शख्स को आजीवन कारावास

चचेरे भाई की पार्टी में शामिल न होने पर हत्या... शख्स को आजीवन कारावास अभियोजन पक्ष ने मेहरा परिवार के पड़ोसियों से पूछताछ की, जिन्होंने शंकरसिंह को हाथ में चाकू लेकर भागते देखा था। उनके अलावा, मृतक के पिता और भाई ने भी दोषी के खिलाफ गवाही दी।अभियोजन पक्ष की सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि दो मुख्य गवाह मृतक के करीबी रिश्तेदार थे, उनकी गवाही को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। अदालत ने कहा, "यह स्पष्ट है कि आरोपी शंकरसिंह ने मृतक कमलसिंह की हत्या की, क्योंकि वह कमलसिंह से पूछे बिना अपने दोस्तों से मिलने गया था।"
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ठाणे के कोपरी इलाके में दुष्कर्म के प्रयास के दौरान महिला की हत्या... दोषी को उम्रकैद !

ठाणे के कोपरी इलाके में दुष्कर्म के प्रयास के दौरान महिला की हत्या... दोषी को उम्रकैद ! अदालत ने दुष्कर्म के प्रयास का विरोध करने पर एक महिला की चाकू घोंपकर हत्या करने के मामले में एक व्यक्ति को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अभय एन सिरसिकर ने आरोपी बाबू उर्फ समीर गोपाल गोगावले (29) को भारतीय दंड संहिता की धारा 452 (जबरन घर में घुसना), 302 (हत्या) और अन्य प्रासंगिक धाराओं में दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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पूर्व पुलिसकर्मी और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को उम्रकैद की सजा !

पूर्व पुलिसकर्मी और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को उम्रकैद की सजा ! ट्रायल कोर्ट ने 13 अन्य आरोपियों को दोषी ठहराया था और प्रदीप शर्मा को बरी कर दिया था। लेकिन उच्च न्यायालय ने प्रदीप शर्मा को बरी करने के फैसले को पलट दिया और सबूतों की श्रृंखला के आधार पर उन्हें दोषी ठहराया। कुल 13 आरोपियों को हाईकोर्ट ने दोषी करार दिया है. प्रदीप शर्मा एंटीलिया ब्लास्ट और मनसुख हिरेन हत्या मामले में भी आरोपी हैं।
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अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन मर्डर केस में सबूतों का अभाव के कारण बरी... गुर्गे लकड़वाला को उम्रकैद !

अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन मर्डर केस में सबूतों का अभाव के कारण बरी...  गुर्गे लकड़वाला को उम्रकैद ! विशेष न्यायाधीश एएम पाटिल ने गुरुवार को लकड़ावाला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. उसके खिलाफ लगभग दो दर्जन से अधिक मामले चल रहे हैं. इस हत्याकांड में लकड़ावाला और एक अन्य गुर्गा दाऊद गिरोह के कथित सदस्य की दुकान में घुस गए थे और गलती से उसके भाई को गोली मार दी थी. यह वारदात साल 1996 में उस समय हुई थी, जब राजन और दाऊद के गिरोह एक-दूसरे के खून के प्यासे थे और मुंबई की सड़कों पर लड़ रहे थे.
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