पालघर : गर्भवती को नहीं मिली एंबुलेंस, गर्भ में बच्चे की मौत !
Palghar: Pregnant woman did not get ambulance, child dies in womb!
पालघर जिले के मोखाडा इलाके से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक परिवार को मृत नवजात शिशु को प्लास्टिक की थैली में लेकर 70 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ी. मोखाडा ब्लाक की गर्भवती महिला अविता सखाराम कवर को देर रात करीब तीन बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई. इसके बाद 108 नंबर पर संपर्क करने के बावजूद दोपहर 12 बजे तक एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हुई, जिस कारण परिवार ने प्राइवेट वाहन से गर्भवती महिला को खोडाला के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया.
पालघर : पालघर जिले से स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां पहले तो प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक गर्भवती को महिला को एंबुलेंस नहीं मिली और फिर समय पर इलाज न मिल पाने के कारण गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद परिजन नवजात को प्लास्टिक की थैली में डालकर 70 किलोमीटर दूर अपने घर पहुंचे। इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खोलकर रख दी है।
महाराष्ट्र के पालघर जिले के मोखाडा इलाके से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक परिवार को मृत नवजात शिशु को प्लास्टिक की थैली में लेकर 70 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ी. मोखाडा ब्लाक की गर्भवती महिला अविता सखाराम कवर को देर रात करीब तीन बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई. इसके बाद 108 नंबर पर संपर्क करने के बावजूद दोपहर 12 बजे तक एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हुई, जिस कारण परिवार ने प्राइवेट वाहन से गर्भवती महिला को खोडाला के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया.
समय पर नहीं मिला इलाज खोडाला में भी समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण उसे नासिक के अस्पताल में रेफर कर दिया, लेकिन नासिक के अस्पताल पहुंचने से पहले ही गर्भ में शिशु की मृत्यु हो गई. इसके बाद नासिक से घर लौटने के लिए एम्बुलेंस न मिलने के कारण कवर परिवार को मृत शिशु को प्लास्टिक की थैली में लेकर अपने घर वापस लौटना पड़ा।
इस चौंकाने वाली घटना ने पालघर के जव्हार-मोखाडा क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग खामियों को एक बार फिर से उजागर किया है. राष्ट्रवादी शरद पवार समूह के पूर्व विधायक सुनील भुसारा ने आरोप लगाया है कि एम्बुलेंस सेवाएं समय पर उपलब्ध नहीं हो रही हैं. वहीं, पालघर स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया कि गर्भवती महिला की समय-समय पर जांच की गई थी और गर्भ में शिशु की मृत्यु की जानकारी प्रशासन को थी, लेकिन यह जानकारी नहीं थी कि परिवार ने मृत शिशु को प्लास्टिक की थैली में नासिक से वापस लाया. इस तरह स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है।
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