मुंबई: पुलिस ने कई पुलिस स्टेशनों में चाइल्ड फ्रेंडली जोन शुरू किए
Mumbai: Police introduce child friendly zones in several police stations
पुलिस ने बच्चों के खिलाफ अपराधों को कम करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. लेकिन बच्चों को पुलिस स्टेशन में आना पड़ता है, जिससे वे डर जाते हैं और जांच में सहयोग नहीं कर पाते. इस समस्या का समाधान करने के लिए मुंबई पुलिस ने कई पुलिस स्टेशनों में चाइल्ड फ्रेंडली जोन शुरू किए हैं.
मुंबई : पुलिस ने बच्चों के खिलाफ अपराधों को कम करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. लेकिन बच्चों को पुलिस स्टेशन में आना पड़ता है, जिससे वे डर जाते हैं और जांच में सहयोग नहीं कर पाते. इस समस्या का समाधान करने के लिए मुंबई पुलिस ने कई पुलिस स्टेशनों में चाइल्ड फ्रेंडली जोन शुरू किए हैं.
फ्रेंडली जोन की विशेषताएं
बच्चों के अनुकूल सजावट: गेम्स, खिलौने और कार्टून्स से सजा हुआ रूम
बच्चों के लिए आरामदायक वातावरण: बच्चों को डर से बचाने और जांच में सहयोग करने के लिए
बच्चों को सहज महसूस कराना: पुलिस स्टेशन में बच्चों को फ्रेंडली और रिलैक्स वातावरण प्रदान करना
जांच में सहयोग: बच्चों से जांच में सहयोग प्राप्त करने के लिए
इस फ्रेंडली जोन में बच्चों के लिए एक विशेष अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो बच्चों से बात करेंगे और उन्हें सामान्य महसूस कराते हुए जांच करेंगे. यह मुंबई में अपनी तरह का पहला फ्रेंडली जोन है. एनसीपीसीआर के गाइडलाइन के अनुसार प्रत्येक पुलिस स्टेशन पर एक "बाल कल्याण पुलिस अधिकारी" होना चाहिए, जो बच्चों से संबंधित मामलों में विशेष रूप से प्रशिक्षित हो.
सीडब्ल्यूपीओ की जिम्मेदारियां
1. बाल संबंधी कानूनों में प्रशिक्षण: सीडब्ल्यूपीओ और अन्य पुलिस कर्मियों को बाल संबंधी कानूनों में नियमित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए.
2. ट्रैक द मिसिंग चाइल्ड पोर्टल: सीडब्ल्यूपीओ और डेटा एंट्री ऑपरेटर को इस पोर्टल को नियमित रूप से मॉनिटर करने और अपडेट करने का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए.
3. विशेष किशोर पुलिस इकाई की बैठकें: सीडब्ल्यूपीओ विशेष किशोर पुलिस इकाई की सभी बैठकों का संचालन करे और मॉनिटरिंग के लिए आवश्यक सभी आवश्यक सामग्री बनाए रखे.
4. बच्चों की देखभाल और सुरक्षा: सीडब्ल्यूपीओ बच्चों की देखभाल, सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा प्रदान करे, जिसमें बच्चों को चिकित्सा देखभाल और उनके साथ रहने की अवधि के दौरान देखभाल शामिल है.

