गोरेगांव चित्रनगरी से पूर्वी उपनगर में मुलुंड के खिंडीपाडा तक टनल बनाकर भूमिगत रास्ता किया जाएगा तैयार...
An underground route will be prepared by building a tunnel from Goregaon Chitranagari to Khindipada in Mulund in the eastern suburbs...
मनपा द्वारा शुरू की गई गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड परियोजना जो कि करीब 12.20 किलोमीटर है। इस लिंक रोड के बनने से गोरेगांव से मुलुंड तक की दूरी बहुत कम समय में तय करना संभव होगा। मनपा इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए चार फेज में काम करने का निर्णय लिया है। तीसरे चरण के तहत होने वाले काम में गोरेगांव के चित्रनगरी से पूर्व उपनगर में मुलुंड के खिंडीपाड़ा तक दो टनल का निर्माण किया जाना है।
मुंबई : पिछले चार-पांच साल से अटके गोरेगांव मुलुंड लिंक रोड परियोजना के काम में अब आई है। मनपा ने संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के पास दो टनल बनाने का काम शुरू हुआ है। मनपा ने इस काम को देखने के लिए सलाहकार नियुक्त करने का निर्णय लिया है। मनपा ने टनल बनाने के काम की देखरेख के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट नियुक्त करेगी।
इस परियोजना के तहत गोरेगांव चित्रनगरी से पूर्वी उपनगर में मुलुंड के खिंडीपाडा तक टनल बनाकर भूमिगत रास्ता तैयार किया जाएगा। मुंबई पूर्व और पश्चिम को जोड़ने के लिए सांताक्रूज-चेंबूर, अंधेरी-घाटकोपर, जोगेश्वरी-विक्रोली यह तीन जोड़ने वाले रस्ते है। मनपा ने दोनों उपनगर में ाबढ़ती जनसंख्या को देखते हुए मनपा ने चौथा रास्ता बनाने का निणर्य लिया जिससे ट्रैफिक की समस्या और सड़कों पर वाहनों की क्षमता को कम करने के लिए मनपा ने गोरेगांव मुलुंड चौथी वैकल्पिक सड़क बनाने का काम शुरू किया है।
मनपा द्वारा शुरू की गई गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड परियोजना जो कि करीब 12.20 किलोमीटर है। इस लिंक रोड के बनने से गोरेगांव से मुलुंड तक की दूरी बहुत कम समय में तय करना संभव होगा। मनपा इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए चार फेज में काम करने का निर्णय लिया है। तीसरे चरण के तहत होने वाले काम में गोरेगांव के चित्रनगरी से पूर्व उपनगर में मुलुंड के खिंडीपाड़ा तक दो टनल का निर्माण किया जाना है।
तीन-तीन लेन वाली इन जुड़वां टनल बनाने के लिए मनपा ने अंतरराष्ट्रीय निविदाएं मंगाई गई थी और ठेकेदार का चयन कर लिया गया है। टनल के निर्माण की कुल अवधि 60 महीने यानी 5 साल होने की उम्मीद है।मनपा ने अब इस काम की निगरानी के लिए एक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट (पीएमसी) नियुक्त करने का फैसला किया है और इसके लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं।
भूमिगत सुरंग खोदते समय आने वाली वास्तविक कठिनाइयाँ, भूवैज्ञानिक चुनौतियां, टनल के नीचे पानी की पाइप लाइन होने की आशंका जैसी कई चुनौतियाँ आने वाली हैं। साथ ही यह टनल संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के पास है। टनल के निर्माण के दौरान टनल की खुदाई करते समय विस्फोटकों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. टनल बनाने के लिए आधुनिक टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) की मदद से इसकी खुदाई की जाएगी।
इसी के चलते उसकी निगरानी होना जरूरी हो गया है इस तरह की जानकारी मनपा की ओर से दी गई। जुड़वाँ टनल एक दूसरे के समानांतर हैं, प्रत्येक का व्यास 4.70 किमी होगा। संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में इसका आंतरिक व्यास 13 मीटर होगा। सुरंग की खुदाई उद्यान में पहाड़ी के नीचे 20 से 160 मीटर की गहराई तक की जाएगी। आरे और नेशनल पार्क के नीचे से गुजरने वाले इस मार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण नहीं करना पड़ेगा जिससे मनपा का खर्च बचेगा।
तीसरा चरण: टनल का निर्माण:
• टनल की लंबाई - 4.70 किमी.
• टनल का व्यास -13.00 मी. लगभग,
• चित्रनगरी क्षेत्र में 1.6 किमी लंबा टनल।
• टनल की गहराई-20 मीटर से 160 मीटर है.
• सड़क की कुल लम्बाई 6.62 कि.मी
• आपातकालीन व्यवस्था के लिए 300 मीटर के अंतराल पर इंटरसेक्शन टनल
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