
पनवेल में महानगरपालिका लगाएगी पानी के मीटर, पानी की बर्बादी पर लगेगी लगाम...
Municipal Corporation will install water meters in Panvel, there will be a check on wastage of water...
पनवेल महानगरपालिका के तहत आने वाले क्षेत्रों पानी की बर्बादी पर लगाम लगाने की कवायद महानगरपालिका ने शुरू कर दी है। इसके लिए महानगरपालिका द्वारा पनवेल शहर और महानगरपालिका क्षेत्र के 29 गांवों में जल्द ही 11 हजार 569 पानी के नए पानी के मीटर लगाने का निर्णय लिया गया है।
नवी मुंबई : पनवेल महानगरपालिका के तहत आने वाले क्षेत्रों पानी की बर्बादी पर लगाम लगाने की कवायद महानगरपालिका ने शुरू कर दी है। इसके लिए महानगरपालिका द्वारा पनवेल शहर और महानगरपालिका क्षेत्र के 29 गांवों में जल्द ही 11 हजार 569 पानी के नए पानी के मीटर लगाने का निर्णय लिया गया है। इस पर करीब 18 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान महानगरपालिका प्रशासन द्वारा लगाया गया है। इस संबंध में महानगरपालिका के जलापूर्ति विभाग के माध्यम से जल्द ही टेंडर जारी किया जाएगा।
पनवेल महानगरपालिका कमिश्नर गणेश देशमुख का कहना है कि महानगरपालिका द्वारा पनवेल के शहरी और 29 गांवों में जलापूर्ति की जा रही है। वर्तमान में पानी की आपूर्ति करते समय नागरिकों से औसत वार्षिक पानी का बिल लिया जाता है। उन्होंने बताया कि पानी की आपूर्ति के दौरान सटीक माप नहीं किया जाता है।
महानगरपालिका की ओर से कुछ स्थानों पर पानी का नए कनेक्शन दिया गया हैं। इन स्थानों पर नए मीटर लगाने की आवश्यकता है। इसके लिए महानगरपालिका द्वारा सर्वेक्षण किया गया है, जिसके आधार पर 11 हजार 569 मीटर नए लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मीटर लगाने पर निवासियों को केवल मीटर रीडिंग के अनुसार पानी के बिल का भुगतान करना होगा। महानगरपालिका की इस पहल से व्यर्थ में पानी बहाने वालों पर लगाम लगेगी।
महानगरपालिका कमिश्नर ने बताया कि अमृत योजना के तहत पनवेल महानगरपालिका को करीब 438 करोड़ रुपए का फंड मिलेगा। इस फंड से महानगरपालिका के तहत आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में कई तरह के काम कराए जाएंगे। जिसमें पानी की टंकियों का निर्माण, सीवेज चैनल, जल आपूर्ति के लिए नई पाइपलाइन, पानी के मीटर आदि का समावेश होगा।
उन्होंने बताया कि उक्त सभी काम के द्वारा महानगरपालिका क्षेत्र में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच की खाई को दूर किया जाएगा। कुछ जगहों पर पानी की नई पाइपलाइन बिछाकर पानी की आपूर्ति सुचारू कर दी गई है। वर्तमान में पानी की खपत को मापने की व्यवस्था पर कोई नहीं है, इसलिए बड़ी मात्रा में पानी बर्बाद हो रहा है। मीटर लग जाने से पानी की बर्बादी अपने आप रुक जाएगी।
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