यहीं गई थी साइरस मिस्त्री की जान...हैवी ट्रैफिक की वजह से हादसों का ज्यादा खतरा- गडकरी

This is where Cyrus Mistry's life was... more prone to accidents due to heavy traffic: Gadkari

यहीं गई थी साइरस मिस्त्री की जान...हैवी ट्रैफिक की वजह से हादसों का ज्यादा खतरा- गडकरी

जिस अहमदाबाद-मुंबई हाईवे पर टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की कार का एक्सीडेंट हुआ, उसे केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी खतरनाक मानते हैं। साइरस की कार ओवरटेकिंग के दौरान सूर्या नदी के पुल पर रोड डिवाइडर से टकरा गई थी।

मुंबई : जिस अहमदाबाद-मुंबई हाईवे पर टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की कार का एक्सीडेंट हुआ, उसे केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी खतरनाक मानते हैं।

साइरस की कार ओवरटेकिंग के दौरान सूर्या नदी के पुल पर रोड डिवाइडर से टकरा गई थी। गडकरी ने सोमवार को कहा कि अहमदाबाद-मुंबई एक्सप्रेस वे पर ट्रैफिक वॉल्यूम 1 लाख 25 हजार पैसेंजर कार यूनिट (PCU) है, इसलिए यहां ड्राइविंग के दौरान टक्कर की संभावना बहुत ज्यादा है।

आईएए वर्ल्ड समिट में गडकरी ने कहा कि 20 हजार या उससे ज्यादा PCU का ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए छह लेन वाली सड़कों की जरुरत है। गडकरी ने साइरस मिस्त्री की सड़क हादसे में हुई मौत पर दुख जताया।

उन्होंने ड्राइविंग के दौरान कार में सीट बेल्ट न लगाने को गलत बताया। साथ ही कहा कि कार में पीछे बैठे लोगों के लिए भी सीट बेल्ट लगाना उतना ही जरूरी है, जितना आगे की सीट पर बैठने वालों के लिए। कार एक्सीडेंट में मारे गए मिस्त्री ने सीट बेल्ट नहीं लगाया था।

गडकरी ने समिट के दौरान कारों में सीट बेल्ट को लेकर चार मुख्यमंत्रियों का किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा- कुछ समय पहले मै चार मुख्यमंत्रियों की गाड़ियों में बैठा था।

उन सभी की गाड़ियों की फ्रंट सीट पर सीट बेल्ट लगाने वाली जगह (सॉकेट) पर क्लिप लगी हुई थी। ऐसा इसलिए किया गया था ताकि चेतावनी अलार्म ना बजे। मैंने ड्राइवर को डांटा और क्लिप हटवाई।

इंटरव्यू में उन्होंने अपनी जवानी का किस्सा बताया। गडकरी ने कहा कि जवानी में वह खुद नियम तोड़ते थे। तब उन्हें अहसास नहीं था कि यह कितना खतरनाक है।

गडकरी ने कहा -इलेक्शन के टाइम पर वे एक स्कूटर पर चार लोग बैठकर घूमते थे और नंबर प्लेट को हाथ से छिपा लेते थे ताकि चालान न हो सके। वे तब की बातें थी, लेकिन अब लोगों को अपना माइंडसेट बदलना होगा, नियमों का पालन करना होगा।

सरकार ने 1 जुलाई 2019 से कार कंपनियों को सीट बेल्ट रिमाइंडर (अलार्म) लगाना अनिवार्य कर दिया है, लेकिन यह सिर्फ अगली सीटों के लिए ही है। जबकि पीछे की सीट बेल्ट के लिए भी यह होना चाहिए।

देश में साल 2020 में सड़क हादसों में 15,146 लाेगों ने सीट बेल्ट नहीं लगाने की वजह से जान गंवाई। यानी रोज 41 मौतें। साल में सड़क हादसों में डेढ़ लाख से ज्यादा मौतें होती हैं। 

इंटरव्यू के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2024 तक सरकार सड़क हादसों को 50 फीसदी तक कम कर देना चाहती है। इसके लिए इंटरनेशनल सिक्योरिटी स्टैंडर्ड को फॉलो किया जाएगा। गडकरी ने भारत में छह एयरबेग की जगह चार एयरबेग के होने पर कार कंपनियों पर सवाल उठाए।

उन्होंने कहा कि कार कंपनियां जब गाड़ियां दूसरे देशों में एक्सपोर्ट करती हैं तो छह एयरबैग लगाती हैं, भारत में चार लगाकर बेचती हैं क्या भारतीय लोगों की जान की कीमत नहीं है? जब उनसे सवाल किया गया कि छह एयरबैग लगाने से कार की कीमत 50-60 हजार रुपए से ज्यादा हो सकती है।

इसपर गडकरी ने कहा- यह गलत है। अगर बड़ी संख्या में प्रोडक्शन होगा तो एक एयरबैग की कीमत सिर्फ 900 रुपये के करीब पड़ेगी। गडकरी ने कहा कि भारत में भी छह एयरबेग वाली गाड़ियां मार्केट में उतारने का काम चल रहा है।

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