बहुचर्चित शीना बोरा मर्डर केस में ड्राइवर श्यामवर राय को जमानत ...
Bail to driver Shyamvar Rai in Sheena Bora murder case
देश के सबसे सनसनीखेज अपराधों में एक माने-जानेवाले बहुचर्चित शीना बोरा मर्डर केस में मुख्य आरोपी इंद्राणी के ड्राइवर श्यामवर राय को कल मुंबई उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी। श्यामवर राय ही वह शख्स है, जिसकी अवैध शस्त्र मामले में खार पुलिस द्वारा सात साल पहले गिरफ्तारी के बाद शीना बोरा की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया था।
मुंबई : देश के सबसे सनसनीखेज अपराधों में एक माने-जानेवाले बहुचर्चित शीना बोरा मर्डर केस में मुख्य आरोपी इंद्राणी के ड्राइवर श्यामवर राय को कल मुंबई उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी। श्यामवर राय ही वह शख्स है, जिसकी अवैध शस्त्र मामले में खार पुलिस द्वारा सात साल पहले गिरफ्तारी के बाद शीना बोरा की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया था। खार पुलिस से मामला सीबीआई को ट्रांसफर होने के बाद श्यामवर राय सीबीआई का गवाह बन गया था।
बता दें कि २४ वर्षीया शीना बोरा की हत्या २४ अप्रैल, २०१२ को हत्या कर दी गई थी। करीब दो साल बाद शीना बोरा हत्याकांड का खुलासा बेहद नाटकीय अंदाज में तब हुआ, जब श्यामवर राय की निशानदेही पर शीना का अधजला कंकाल २३ मई, २०१५ को पेण के जंगलों से बरामद किया गया था। शीना, इंद्राणी व उसके पहले पति की बेटी थी।
श्यामवर राय ने पूछताछ में बताया था कि इंद्राणी मुखर्जी और उसके दूसरे पति संजीव खन्ना ने शीना को बांद्रा-पश्चिम स्थित लिंकिंग रोड से अगवा किया था तथा बाद में कार में उसका गला घोंट दिया था। हत्या के बाद उन लोगों ने लाश को पेण के गागोदे बुदरुक अंतर्गत आनेवाले खिंडी गांव में आम के पेड़ के नीचे जला दिया था।
इस मामले में खार पुलिस ने इंद्राणी, संजीव खन्ना व श्यामवर राय को आरोपी बनाया था। बाद में मामला सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया। श्यामवर ने २०१५ में सीबीआई अदालत को लिखा कि वह ‘शीना बोरा हत्याकांड के बारे में सच बताना चाहता है।’
इसके बाद उसे २०१६ में विशेष सीबीआई अदालत द्वारा सरकारी गवाह घोषित किया गया। फिर अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में पेश किया गया। जस्टिस भारती डांगरे ने शनिवार को राय को सह-आरोपी संजीव खन्ना के समान जमानत शर्तों पर जमानत दे दी, जिसे इस साल जून में जमानत दी गई थी।
शर्तों में एक लाख रुपए तक के पीआर बॉन्ड के साथ इतनी ही राशि के एक या दो जमानतदारों को प्रस्तुत करने के बाद जमानत पर रिहा करना, अन्य गवाहों को धमकी नहीं देना, सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करना, पासपोर्ट जमा करना आदि शामिल है।
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