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Read More... मुंबई :सत्र न्यायालय ने महिला को पूर्व पति से 2 लाख प्रति माह भरण-पोषण देने से किया इनकार
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By Online Desk
सत्र न्यायालय ने हाल ही में एक महिला को अंतरिम भरण-पोषण देने से इनकार कर दिया, जिसने घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम के तहत अपने पूर्व पति से ₹2 लाख प्रति माह की मांग की थी। न्यायालय ने कहा कि उसकी विदेश यात्राएँ और संयुक्त रूप से स्वामित्व वाली संपत्तियाँ उसकी 'असाधारण वित्तीय स्थिति' दर्शाती हैं। बांद्रा मजिस्ट्रेट अदालत के 2019 के आदेश के खिलाफ उसकी अपील को खारिज करते हुए, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मुजीबुद्दीन एस. शेख ने कहा कि महिला ने घरेलू हिंसा का आरोप 'साबित नहीं' किया है और वह 2015 के घरेलू हिंसा मामले में अंतरिम राहत की हकदार नहीं है, जिस पर अभी विचार चल रहा है। फार्मासिस्ट कोल्हे की हत्या के आरोपी को जमानत देने से कोर्ट का इनकार...
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विशेष न्यायाधीश राजेश कटारिया ने 10 नवंबर को पारित आदेश में कहा कि आरोपी मुशिफिक अहमद के खिलाफ अपराध की कथित साजिश में शामिल होने के संबंध में पर्याप्त सामग्री है. अदालत ने अभियोजन एजेंसी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा लगाए गए आरोपों और आरोप पत्र में उसके द्वारा प्रस्तुत सामग्री को जोड़ते हुए कहा, ‘‘अपराध बहुत गंभीर प्रकृति का है.’’ छोटा राजन के सहयोगी की याचिका खारिज... कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार
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आदेश में कोर्ट ने कहा कि यह स्थापित हो चुका है कि हथियार के जख्म के कारण डे की मौत हुई। अदालत ने कहा, यह तथ्य है कि आवेदक (काल्या) की निशानदेही पर अपराध में इस्तेमाल हुए हथियार की बरामदगी हुई। यह भी साबित हो गया है कि अपराध में हथियार का इस्तेमाल किया गया। महाराष्ट्र में बैन के खिलाफ रैपिडो को राहत देने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार...
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राज्य में बाइक टैक्सी के लिए दिशानिर्देश विकसित करने पर विचार करने के लिए एक समिति गठित की गई है. उच्च न्यायालय ने कंपनी को यह देखते हुए सेवाओं को तुरंत निलंबित करने का निर्देश दिया था कि वह महाराष्ट्र सरकार से लाइसेंस प्राप्त किए बिना काम कर रही थी. 