कमजोर हुई कांग्रेस की पावर, बदलेगा महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स का समीकरण
Congress's power has weakened, the equation of Maharashtra politics will change
मुंबई. तीन राज्यों में कांग्रेस की हार का असर कई राज्यों में पार्टी के राजनीतिक समीकरणों पर पड़ने वाला है. दरअसल इसी साल कर्नाटक के चुनाव में प्रचंड जीत के बाद कांग्रेस बीजेपी-विरोधी गुट में अपनी स्थिति मजबूत करने में लगी हुई है.
मुंबई. तीन राज्यों में कांग्रेस की हार का असर कई राज्यों में पार्टी के राजनीतिक समीकरणों पर पड़ने वाला है. दरअसल इसी साल कर्नाटक के चुनाव में प्रचंड जीत के बाद कांग्रेस बीजेपी-विरोधी गुट में अपनी स्थिति मजबूत करने में लगी हुई है. लेकिन मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे अहम चुनावी राज्यों में हार ने न सिर्फ पार्टी की पोजीशन 'इंडिया' गठबंधन में कमजोर की है बल्कि महाविकास अघाड़ी के भीतर भी की है.
कांग्रेस ने तेलंगाना में बहुमत के आस-पास ही सीटें हासिल की हैं यानी ये बहुमत की प्राप्ति है न कि प्रचंड चुनावी जीत. जैसी कि कांग्रेस ने कर्नाटक जैसे राज्य में हासिल की है. ऐसी स्थिति में महाराष्ट्र के महाविकास अघाड़ी गठबंधन में भी पार्टी की बार्गेनिंग पावर यानी सीटों पर तोलम-मोल की क्षमता कमजोर हुई है. यह ध्यान रखने वाली बात है कि लोकसभा चुनाव के साथ ही अगले महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस के अलावा एनसीपी और शिवसेना का उद्धव गुट शामिल है.
एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि कर्नाटक चुनाव के बाद महाराष्ट्र में लगातार आगामी चुनावों के लिए ज्यादा सीटों को लेकर ताकत लगा रही थी. विशेष रूप से विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र के भीतर. लेकिन अब चुनावी हार के बाद कांग्रेस की यह मांग एनसीपी और उद्धव गुट की तरफ से ठुकराई भी जा सकती है.
इतना ही नहीं राज्य के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा भी है कि महाराष्ट्र कांग्रेस के कुछ नेता खेमा बदलकर बीजेपी का दामन भी थाम सकते हैं. कुछ ऐसी स्थिति भी बन सकती है जैसी मुश्किल से उद्धव ठाकरे और शरद पवार भी गुजर चुके हैं. कहा जा रहा है पार्टी के भीतर कुछ नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के औचित्य पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं.
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