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केंद्र की तर्ज पर महाराष्ट्र में बनेगा लोकायुक्त कानून....- उपमुख्यमंत्री फडणवीस
Lokayukta law will be made in Maharashtra on the lines of Center….- Deputy Chief Minister Fadnavis
केंद्र के लोकपाल कानून की तरह महाराष्ट्र में एक लोकायुक्त कानून बनाया जाएगा, जिसके दायरे में मुख्यमंत्री और मंत्री आएंगे. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को यह जानकारी दी. नागपुर में विधानमंडल के शीत सत्र की पूर्व संध्या पर आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक विधेयक पेश किया जाएगा.
महाराष्ट्र : केंद्र के लोकपाल कानून की तरह महाराष्ट्र में एक लोकायुक्त कानून बनाया जाएगा, जिसके दायरे में मुख्यमंत्री और मंत्री आएंगे. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को यह जानकारी दी. नागपुर में विधानमंडल के शीत सत्र की पूर्व संध्या पर आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक विधेयक पेश किया जाएगा. फडणवीस ने कहा, “मुख्यमंत्री और मंत्रियों को भी को लोकायुक्त के दायरे में लाया जाएगा .”
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, लोकायुक्त बिल इसी सत्र में लाया जाएगा. अन्ना हजारे ने मांग की थी कि राज्य में अधिकारिता प्राप्त करने वाला लोकायुक्त का कानून आना चाहिए. हमने अन्ना हजारे की कमेटी बनाई थी, जो सिफारिश दी है उसको स्वीकारा है और ये कानून तैयार किया है.
डिप्टी सीएम ने कहा, सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की अगुवाई वाली समिति की सिफारिशों को पूर्ण रूप से स्वीकार कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि लोकायुक्त के पद पर उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को नियुक्त किया जाएगा.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, हम पूरी पारदर्शिता के साथ सरकार चलाएंगे. हम महाराष्ट्र को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएंगे, इसलिए हमने राज्य में लोकायुक्त कानून लाने का फैसला किया है. नए लोकायुक्त कानून को तैयार करने का मसौदा मंत्रिमंडल द्वारा पारित किया गया था और हम इसे विधायिका के समक्ष पेश करेंगे.
पहली बार मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद को लोकायुक्त के दायरे में लाया गया है. फडणवीस ने कहा कि मौजूदा लोकायुक्त कानून में भ्रष्टाचार विरोधी अधिनियम शामिल नहीं है. उन्होंने कहा, “इसलिए भ्रष्टाचार विरोधी अधिनियम को इस अधिनियम (नए कानून) का हिस्सा बनाया गया है.”
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे महाराष्ट्र में लोकपाल की तर्ज पर कानून बनाने की मांग कर रहे थे. जब भाजपा-शिवसेना सरकार सत्ता में थी (2014-19 से), हजारे की अध्यक्षता में एक पैनल का गठन किया गया था. हालांकि, पिछली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार- जो नवंबर 2019 से जून 2022 तक सत्ता में रही- ने इस पर गंभीरता से काम नहीं किया, फडणवीस ने आरोप लगाया.
नई (एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली) सरकार के सत्ता में आने के बाद (इस साल जून में), हमने प्रक्रिया में तेजी लाई. समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को सरकार द्वारा स्वीकार किया गया था. फडणवीस ने कहा, अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले पैनल की सिफारिशों को पूरी तरह से स्वीकार कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि लोकायुक्त या तो उच्च न्यायालय का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश होगा या उच्चतम न्यायालय (न्यायाधीश). इसमें उच्च न्यायालय के दो और न्यायाधीश और दो बेंच भी होंगे. फडणवीस ने कहा, “मुख्यमंत्री और मंत्रियों (राज्य मंत्रिमंडल के) को भी को लोकायुक्त के दायरे में लाया जाएगा .”
महाराष्ट्र लोकायुक्त सरकार और उसके प्रशासन के खिलाफ लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए बनाए गए शासन राजनीतिक और सार्वजनिक प्रशासन से स्वतंत्र एक सर्वोच्च वैधानिक अधिकारी है. लोकपाल की स्थापना लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम 2013 के तहत सार्वजनिक पदाधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच और जांच के लिए की गई थी जो इस अधिनियम के दायरे और दायरे में आते हैं.
केंद्र में लोकपाल की नियुक्ति में देरी और महाराष्ट्र में लोकायुक्त अधिनियम के पारित होने के विरोध में अन्ना हजारे ने फरवरी 2019 में उपवास किया था. फडणवीस, जो उस समय भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार के मुख्यमंत्री थे, ने कहा था कि हजारे की लगभग सभी मांगें मान ली गई हैं.
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