मध्य रेलवे के ठाणे-दिवा मार्ग पर ७ महीने में १४७ लोगों ने गंवाई जान...
147 people lost their lives in 7 months on Thane-Diva route of Central Railway.
मुंबई के उपनगरीय रेल मार्ग पर औसतन ८ से १० लोगों की मौत रोजाना रेल हादसे में होती है। इन हादसों पर काबू पाने के लिए रेलवे बंद दरवाजा लोकल, ट्रेस पासिंग कंट्रोल सहित कई योजनाओं पर काम कर रही है, परंतु मुंबई के उपनगरीय मार्ग पर मौत का सिलसिला जारी है।
मुंबई : मुंबई के उपनगरीय रेल मार्ग पर औसतन ८ से १० लोगों की मौत रोजाना रेल हादसे में होती है। इन हादसों पर काबू पाने के लिए रेलवे बंद दरवाजा लोकल, ट्रेस पासिंग कंट्रोल सहित कई योजनाओं पर काम कर रही है, परंतु मुंबई के उपनगरीय मार्ग पर मौत का सिलसिला जारी है।
मध्य रेलवे के ठाणे-दिवा मार्ग पर होनेवाले हादसों की अगर बात करें तो जनवरी से जुलाई के बीच इस कॉरिडोर पर १४७ लोगों की मौत विभिन्न रेल हादसों में हुई है। ऐसे में लोकल यात्री कह रहे हैं कि ठाणे-दिवा कॉरिडोर ‘मौत का कॉरिडोर’ बनता जा रहा है। लोकल में अधिक भीड़ के कारण ट्रेन से गिरकर होनेवाले हादसों को देखते हुए पांचवी-छठी लाइन पर लोकल चलाने की मांग रेल यात्री कर रहे हैं।
बता दें कि ठाणे लौहमार्ग पुलिस के अंतर्गत कलवा, मुंब्रा, दिवा और एरोली स्टेशन आते हैं। जहां पर पिछले ७ महीने में १४७ लोगों की मौत हुई है, जबकि भीड़ की अगर बात करें तो ठाणे, डोंबिवली और कल्याण के अंतर्गत आनेवाले स्टेशनों पर सबसे अधिक भीड़ होती है। डोंबिवली स्टेशन के अंतर्गत होनेवाले हादसों की अगर बात करें तो जनवरी २०२२ से अगस्त के पहले सप्ताह तक ८५ लोगों की विभिन्न हादसों में मौत हुई है।
ठाणे रेल यात्री संघ के अध्यक्ष नंद कुमार देशमुख का कहना है कि रेलवे ने ट्रेन से गिरकर होने वाले हादसों को रोकने के लिए बंद दरवाजा एसी लोकल चलाने की योजना बनाई है। पांचवीं-छठी लाइन बनकर तैयार है। इस पर केवल माल गाड़ी चलाई जा रही है।
खाली समय में लोकल ट्रेनें चलाई जा सकती हैं, ताकि इस रूट पर लोकल ट्रेनों में भीड़ न हो सके लेकिन रेलवे सिर्फ और सिर्फ आश्वासन ही देती है। हमारी मांग है कि पांचवीं-छठी लाइन पर लोकल ट्रेन चलाई जाए, ताकि लोकल में भीड़ कम हो और लोगों की जान बचे।
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