बांद्रा पश्चिम में अग्निसुरक्षा नियमों की अनदेखी 151 इमारतों को नोटिस…
Rokthok Lekhani
मुंबई : बांद्रा पश्चिम में बैंडस्टैंड के पास बहुमंजिला जीवेश टेरेस इमारत की 13वीं और 14वीं मंजिल पर लगी आग ने इमारत में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. आग की घटनाओ में अब बहुमंजिला इमारतों में घटनाएं बढ़ गई है। आग की गंभीरता इस बात से और बढ़ गई है कि इमारत में फायर ब्रिगेड काम नहीं कर रही है। इस संबंध में मुंबई फायर ब्रिगेड के मुताबिक फायर ब्रिगेड विभाग ने 2021 से अप्रैल 2022 के बीच 329 इमारतों का निरीक्षण किया था. जिनमें 151 इमारतों को अग्निसुरक्षा उपाय कार्यरत नहीं होने पर नोटिस जारी किया गया है।
बांद्रा स्थित जीवेश इमारत के चौदहवे मंजिल के एक घर में सोमवार को लगी थी।
आग में कोई हताहत नहीं हुआ ।एक दमकल जवान जरूर धुएं से बेहोस हो गया था। दमकल जवानो ने जान की बाजी लगाकर २१ लोगो को सुरक्षित निकाला था। आग लगने के बाद आग बुझाने में दमकल जवान को इस लिए परेशानी हुई क्योकि इमारत में लगे आग बुझाने की प्रणाली काम नहीं कर रही थी।दमकल विभाग को अन्य बहुमंजिला इमारतों में भी आग बुझान की प्रणाली कार्यरत होने को लेकर पहले से चिंता थी। दमकल विभाग ने नवंबर 2021 से अप्रैल 2022 तक 329 इमारतों का निरीक्षण किया। जिनमे 151 इमारतों को आग बुझाने का सयंत्र नहीं चलने पर नोटिस जारी किए गए हैं। बता दे कि इसके पहले 22 जनवरी को ताड़देव में 20 मंजिला सचिनम हाइट्स में आग लगी थी। जिसमे नौ लोगो की जान चली गई थी। इसके बाद फायर ब्रिगेड ने 120 पेज की रिपोर्ट तैयार किया था ।
इसमें दमकल विभाग ने किसी भी प्रकार की आग से बचाव के लिए इमारत के प्रत्येक मंजिल पर इलेक्ट्रिक शाफ्टों का निरीक्षण सहित दरवाजे बनाने आदि की विभिन्न सूचनाएं दी थी। जिससे आग लगने के बाद लगभग दो घंटे तक आग से बचा जा सकता है। इमारतों को ओसी देते समय कम से कम दो वर्षों के लिए अग्निसुरक्षा ऑडिटर नियुक्त करना अनिवार्य किया गया था।
सबसे अधिक अतिक्रमण सीढ़ियों पर बहुमंजिला इमारतों में सीढ़ियों का प्रयोग कम होता है।इन इमारतों में लिफ्ट का उपयोग सबसे अधिक होता है, इसलिए सीढ़ियों पर बड़ी संख्या में घरेलू सामान और कचरा रखा जाता है।इसके अलावा इमारतों में आग लगने की चेतावनी देने वाली प्रणाली और धुआँ निकलते ही दी जाने वाली चेतावनी प्रणाली आदि आग लगने की जानकारी देने वाली प्राणली कम होती है और होती भी है तो कार्यरत नहीं होती। पिछले छह महीनों में अग्निशमन अधिकारियों द्वारा की गई जाँच में यह सामने आया है कि रिहायसी इमारतों में अग्नि सुरक्षा प्रणाली का सबसे अधिक उपेक्षित की गई हैं।जबकि रिहायसी इमारत में सर्वाधिक जानमाल का नुकसान होने का खतरा रहता है।
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