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मनपा की प्रॉपर्टी टैक्स नहीं भरने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई... बकाएदारों की संपत्ति जब्त कर गोडाउन में रखा सामान

मनपा की प्रॉपर्टी टैक्स नहीं भरने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई... बकाएदारों की संपत्ति जब्त कर गोडाउन में रखा सामान मनपा ने फरवरी महीने में प्रॉपर्टी टैक्स का बिल भेजने के कारण इस साल 25 मई तक प्रॉपर्टी टैक्स भरने की छूट दी है। मनपा ने इस साल प्रॉपर्टी टैक्स से कुल 4 हजार 500 करोड़ कमाई होने का अनुमान रखा था, जिसमें अभी तक 3 हजार 700 करोड़ की कमाई हो पाई है। मनपा ने पहले 6 हजार करोड़ कमाई होने का अनुमान रखा था लेकिन कोरोना के कारण कुछ मामलों में टैक्स की नई दर नहीं लागू कर पाई।
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हर साल कई प्रॉपर्टी बकायेदार नहीं जमा करते टैक्स... बीएमसी सिर्फ चेतावनी देकर ही रह जाती है

हर साल कई प्रॉपर्टी बकायेदार नहीं जमा करते टैक्स... बीएमसी सिर्फ चेतावनी देकर ही रह जाती है बीएमसी के खजाने में प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में अब तक 2213 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। जबकि बीएमसी ने 4500 करोड़ रुपये जमा करने का लक्ष्य रखा है। मौजूदा आर्थिक वर्ष 31 मार्च को समाप्त हो रहा है, ऐसे में कम ही उम्मीद है कि बीएमसी अपना टारगेट पूरा कर पाएगी। बीएमसी ने प्रॉपर्टी टैक्स के बड़े बकाएदारों को चेतावनी दी है कि यदि वे तय समय पर टैक्स नहीं जमा करेंगे, उनकी प्रॉपर्टी को सील करने के साथ जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
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टिटवाला में 22 हजार प्रॉपर्टी टैक्स बकाएदारों को नोटिस... 300 करोड़ से ज्यादा का बकाया

टिटवाला में 22 हजार प्रॉपर्टी टैक्स बकाएदारों को नोटिस...  300 करोड़ से ज्यादा का बकाया इन टैक्स डिफॉल्टर्स में टिटवाला इलाके के बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट और कुछ कंपनियां शामिल हैं. नगर पालिका मार्च के अंत तक करीब 425 करोड़ का संपत्ति कर लक्ष्य पूरा करना चाहती है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रशासन ने वार्ड के बकाएदारों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। संपत्ति विभाग की ओर से कहा गया कि टिटवाला में बकाए से करीब 250 से 300 करोड़ से ज्यादा की रकम आ रही है.
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प्रॉपर्टी टैक्‍स बकाया है तो MCD बकायेदारों पर करेगा मुकदमा...

प्रॉपर्टी टैक्‍स बकाया है तो MCD बकायेदारों पर करेगा मुकदमा... एमसीडी जल्द ही संपत्ति कर बकायेदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा। उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया जाएगा। बयान में कहा गया कि अधिनियम के अनुसार यदि संपत्ति कर की बकाया राशि 25 लाख रुपये से अधिक हो जाती है तो तीन महीने से सात साल तक कठोर कारावास की सजा हो सकती हैं ।
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