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हर साल कई प्रॉपर्टी बकायेदार नहीं जमा करते टैक्स... बीएमसी सिर्फ चेतावनी देकर ही रह जाती है

हर साल कई प्रॉपर्टी बकायेदार नहीं जमा करते टैक्स... बीएमसी सिर्फ चेतावनी देकर ही रह जाती है बीएमसी के खजाने में प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में अब तक 2213 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। जबकि बीएमसी ने 4500 करोड़ रुपये जमा करने का लक्ष्य रखा है। मौजूदा आर्थिक वर्ष 31 मार्च को समाप्त हो रहा है, ऐसे में कम ही उम्मीद है कि बीएमसी अपना टारगेट पूरा कर पाएगी। बीएमसी ने प्रॉपर्टी टैक्स के बड़े बकाएदारों को चेतावनी दी है कि यदि वे तय समय पर टैक्स नहीं जमा करेंगे, उनकी प्रॉपर्टी को सील करने के साथ जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
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बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर स्काईवे के पुनर्निर्माण का काम एक साल बाद भी कागजों पर ही है...

बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर स्काईवे के पुनर्निर्माण का काम एक साल बाद भी कागजों पर ही है... मुख्य न्यायाधीश ने ऐसे सवाल नगर निगम के वकीलों से पूछे. इस पर नगर निगम की ओर से अदालत से अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए अंतिम अवसर के रूप में एक सप्ताह की समयसीमा देने का अनुरोध किया गया. तो क्या नगर पालिका एक सप्ताह में स्काईवे बनाने जा रही है? कोर्ट ने ऐसा अहम सवाल पूछा. साथ ही मामले की जानकारी नगर निगम के वरीय अधिकारियों को देने और 27 मार्च को भूमिका स्पष्ट करने को कहा.
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कांदिवली स्कूल में चार साल की बच्ची से दुष्कर्म की घटना... टीचर और प्रिसिंपल के खिलाफ भी केस दर्ज

कांदिवली स्कूल में चार साल की बच्ची से दुष्कर्म की घटना...  टीचर और प्रिसिंपल के खिलाफ भी केस दर्ज जोन 12 की डीसीपी स्मिता पाटील ने बताया कि समता नगर पुलिस इस मामले में पीड़ित परिवार के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ हर पहलू से जांच कर कार्रवाई करने में जुटी हुई है। लोगों से अपील है कि वे किसी प्रकार की अफवाह अथवा भड़कावे वाली बातों में नहीं आएं। पुलिस वॉचमैन को अरेस्ट भी कर चुकी है।
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सुप्रीम कोर्ट में इस साल दाखिल हुए 49 हजार से अधिक मामले... 52 ,191 मामलों में सुनाया गया फैसला

सुप्रीम कोर्ट में इस साल दाखिल हुए 49 हजार से अधिक मामले...  52 ,191 मामलों में सुनाया गया फैसला साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने 52,191 मामलों का निपटारा किया है, जिनमें पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधान खत्म करने के केंद्र के फैसले को मंजूरी देने वाली ऐतिहासिक व्यवस्था तथा समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने से इनकार करना शामिल है। शीर्ष अदालत द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, निपटाए गए मामलों की संख्या पूरे वर्ष के दौरान इसकी रजिस्ट्री में दायर किए गए 49,191 मामलों से 3,000 अधिक रही। 
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