सरकार किसानों के मुद्दे पर संवेदनहीन है - अजीत पवार 

Government is insensitive on the issue of farmers - Ajit Pawar

सरकार किसानों के मुद्दे पर संवेदनहीन है - अजीत पवार 

अजीत पवार ने कहा कि भाजपा की इस नीति को राज्य की जनता देख रही है और इसका खामियाजा आगामी चुनाव में भाजपा को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा में भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने जिस एमआईडीसी की जमीन में तीन हजार करोड़ रुपए का घोटाले का आरोप लगाया था, वही व्यक्ति मुख्यमंत्री शिंदे के साथ जाकर बैठ गया। जिन लोगों के खिलाफ जांच चल रही थी, उन्हें भाजपा और शिंदे गुट में जाने के बाद उनकी जांच बंद कर दी जाती है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इसे हल्के में ले रहे हैं, यह बहुत ही गंभीर विषय है।

मुंबई : राज्य में बेमौसम बारिश के साथ ओलावृष्टि की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। राज्य में फसलों और बागों को भारी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने राज्य को ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है लेकिन राज्य की ‘ईडी’ सरकार किसानों के मुद्दे पर संवेदनहीन है। कई जगहों पर अब तक नुकसान का पंचनामा शुरू नहीं किया गया है। राज्य के किसान मायूस हो गए हैं। राज्य में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल पर जाने से प्रशासन ठप हो गया है, फिर भी ‘ईडी’ सरकार निश्चिंत यानी मस्त है, ऐसे शब्दों में प्रतिपक्ष के नेता अजीत पवार ने ‘ईडी’ सरकार पर जोरदार हमला बोला है। अजीत पवार ने कहा कि किसानों को समर्थन मूल्य मिल नहीं रहा है, बेमौसम बारिश के कारण किसान दोहरे संकट में आ गए हैं।

तीसरा संकट सरकार ने किसानों के सामने खड़ा कर दिया है, जो अभी तक पंचनामा शुरू नहीं किया है, ऐसी जोरदार टिप्पणी भी अजीत पवार ने सरकार पर की। इस बीच, अजीत पवार ने कृषि मंत्री को भी आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि राज्य के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार किसानों के बारे में कुछ भी बयान दे रहे हैं। कृषि मंत्री किसानों के जले पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं, अजीत पवार ने ऐसे शब्दों में कृषि मंत्री सत्तार पर नाराजगी भी व्यक्त की। किसानों के नुकसान के बारे में सरकार सदन में जो आंकड़े बता रही है, वह केवल अंदाजा और कार्यालय में बैठकर बता रही है, ऐसा आरोप भी अजीत पवार ने सरकार पर किया।

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राज्य में दूध मिलावट की समस्या गंभीर हो गई है। दूध में मिलावट करनेवालों का साम्राज्य भारी पैमाने पर पैâल चुका है। दूध में मिलावट की समस्या गंभीर होने के कारण छोटे बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ शुरू हो गया है। इतना ही नहीं, दूध में मिलावट करके सामान्य जनता के जीवन के साथ खिलवाड़ भी किया जा रहा है। दूध में मिलावट करनेवालों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया जाए, यह मांग विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता अजीत पवार ने की। इसी के साथ अजीत पवार ने दुग्ध व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए सहकारी समितियों को अतिरिक्त दूध उत्पादन की अवधि के दौरान दूध पाउडर के निर्यात की अनुमति देने की भी मांग की।

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महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान दूध में मिलावट पाए जाने पर मौत की सजा का प्रावधान करनेवाला कानून प्रस्तावित किया गया था लेकिन राष्ट्रपति ने इस कानून की इजाजत नहीं दी, इसलिए यह कानून नहीं बनाया गया, ऐसा अजीत पवार ने कहा। विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने २९३ के तहत चर्चा पर बोलते हुए विधान परिषद में भाजपा सदस्य रमेश पाटील के बयान को आधार बनाकर `ईडी’ सरकार की जमकर खिंचाई की। अजीत पवार ने कहा कि भाजपा सदस्य रमेश पाटील ने विधान परिषद में दावा किया है कि भाजपा के पास गुजरात का निरमा है, भाजपा में कोई भी भ्रष्टाचारी आता है तो इस पाउडर से धोकर उसको स्वच्छ कर देते हैं।

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अजीत पवार ने कहा कि भाजपा की इस नीति को राज्य की जनता देख रही है और इसका खामियाजा आगामी चुनाव में भाजपा को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा में भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने जिस एमआईडीसी की जमीन में तीन हजार करोड़ रुपए का घोटाले का आरोप लगाया था, वही व्यक्ति मुख्यमंत्री शिंदे के साथ जाकर बैठ गया। जिन लोगों के खिलाफ जांच चल रही थी, उन्हें भाजपा और शिंदे गुट में जाने के बाद उनकी जांच बंद कर दी जाती है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इसे हल्के में ले रहे हैं, यह बहुत ही गंभीर विषय है।

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