7.jpg)
महिलाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर कराया जा रहा देह व्यापार... मुंबई में दो एजेंट गिरफ्तार
Prostitution being done in the name of providing jobs to women... Two agents arrested in Mumbai
मीरा-भायंदर वसई विरार पुलिस (एमबीवीवी) ने महिलाओं के देह व्यापार की कोशिश को नाकाम कर दिया है। एमबीवीवी पुलिस ने दो एजेंटों को गिरफ्तार किया है। इन दोनो आरोपियों ने कथित तौर पर एक 43 वर्षीय कास्टिंग एजेंट को ओमान में नौकरी दिलाने का झूठा वादा किया था।
मुंबई : मुंबई में मीरा-भायंदर वसई विरार पुलिस (एमबीवीवी) ने महिलाओं के देह व्यापार की कोशिश को नाकाम कर दिया है। एमबीवीवी पुलिस ने दो एजेंटों को गिरफ्तार किया है। इन दोनो आरोपियों ने कथित तौर पर एक 43 वर्षीय कास्टिंग एजेंट को ओमान में नौकरी दिलाने का झूठा वादा किया था। उन्होंने नौकरी का झांसा देते हुए महिला को ओमान में देह व्यापार में जबरन धकेलने कोशिश की थी। पुलिस ने बताया कि महिला को पता चला कि दोनों एजेंट ने उसे भेजने के लिए ओमान में अपने साथियों से तीन लाख रुपये लिए हैं।
मीरा भायंदर-वासई वीरार (एमबीवीवी) में कश्मीरा पुलिस ने इस मामले में अगस्त में प्राथमिकी दर्ज की थी। पुलिस उपायुक्त (जोन i) जयंत बजबाले, वरिष्ठ निरीक्षक संदीप कदम और उप निरीक्षक सूरज जगताप के मार्गदर्शन में पुलिस की एक टीम ने आरोपी को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था।
आरोपियों की पहचान कर्नाटक के 46 वर्षीय अशरफ मैदु कविरा और घाटकोपर की 46 वर्षीय नमिता सुनील मसुलकर के रूप में हुई है। पुलिस ने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि इस रैकेट में और कितने एजेंट शामिल हैं और उन्होंने कितनी महिलाओं को देह व्यापार में धकेला है।
इस मामले में शिकायतकर्ता ने बुधवार को दावा किया कि यह उनके एनजीओ, छत्रपति मराठा साम्राज्य संगठन द्वारा एक अंडरकवर ऑपरेशन था। महिला ने बताया कि कुछ पीड़ितों के परिवार इस तरह की शिकायत लेकर एनजीओ के पास आए थे। जिसके बाद हमारी एनजीओ ने इस मामले की जांच के लिए प्लान तैयार किया। उन्होंने कहा कि मुझे पता चला कि एजेंटों का एक गिरोह महिलाओं को घरेलू मदद, मॉल में एक सेल्स गर्ल, एक नर्स आदि के रूप में काम करने के प्रस्ताव के साथ ओमान भेज रहा था लेकिन बाद में उन महिलाओं को देह व्यापार में धकेल दिया जाता था।
महिला ने कहा कि परिवारों ने हमें बताया कि विदेश में नौकरी की तलाश कर रही महिलाओं को जस्टडायल पर एजेंटों के संपर्क नंबर मिले थे। मैंने एक नंबर पर कॉल किया और नमिता से संपर्क किया, जिसने मुझे ओमान में नौकरी की पेशकश की। मैं 27 जुलाई 2022 को ओमान पहुंची। इसके बाद महिला ने अन्य महिलाओं के वीडियो और तस्वीरें लीं और अपने दो एनजीओ सदस्यों जितेंद्र पवार और नवीन मोरे को भेज दी। शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने "अपने एनजीओ सहयोगियों के साथ अपना अंतिम लोकेशन भी शेयर की और संपर्क न होने पर मदद के लिए आने के लिए कहा था।" महिला ने बताया कि हमारे एनजीओ के सदस्यों ने मुझे वहां से निकालने के लिए ओमान एजेंटों को 1.6 लाख रुपये का भुगतान किया था।
शिकायतकर्ता ने भारत, श्रीलंका, अफ्रीका, नाइजीरिया, बांग्लादेश और मलेशिया की लगभग 70 महिलाओं को इसी तरह दह व्यापार में धकेलने का दावा किया है। शिकायतकर्ता महिला ने बताया कि ओमान में एजेंटों ने महिलाओं को चुना और उन्हें अपने ग्राहकों के पास देह व्यापार के लिए भेज दिया। वह 2 अगस्त को भारत लौटी और पीड़िता के रूप में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। यह पूछे जाने पर कि उसने अपने अंडरकवर ऑपरेशन का खुलासा पहले क्यों नहीं किया, शिकायतकर्ता ने कहा कि वह पहले चाहती थी कि पुलिस गिरोह के सदस्यों को पकड़े। उसने कहा कि उसने प्रधानमंत्री, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और संबंधित अधिकारियों को ओमान में कैद महिलाओं को मुक्त करने के लिए पत्र लिखा है। महिला के महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग से संपर्क करने के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की।
Related Posts
Post Comment
Latest News

Comment List