अवैध पार्किंग से उठाई गई भंगार गाड़ियां बीएमसी के लिए बनी मुसीबत !
Bhandar vehicles picked up from illegal parking become trouble for BMC!
अवैध पार्किंग से उठाई गई गाड़ियों को रखने के लिए बीएमसी को मशक्कत करनी पड़ रही है। क्योंकि भंगार गाड़ियां जमा होने की वजह से नई गाड़ियों को रखना मुश्किल हो रहा है।
मुंबई: अवैध पार्किंग से उठाई गई गाड़ियों को रखने के लिए बीएमसी को मशक्कत करनी पड़ रही है। क्योंकि भंगार गाड़ियां जमा होने की वजह से नई गाड़ियों को रखना मुश्किल हो रहा है। बीएमसी ने भंगार और खटारा गाड़ियों को रखने के लिए एसआरए से ली गई माहुल टेकड़ी में 10 हजार वर्ग मीटर जगह अभी भी इस्तेमाल में नहीं आ पाई है। बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि इस जमीन का अभी तक सीमांकन नहीं हो पाया है।
बीएमसी के अतिक्रमण हटाओ विभाग ने इस संबंध में बीएमसी के विकास नियोजन विभाग को पत्र लिख कर सीमांकन जल्द करने का अनुरोध किया है। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही शुरू नहीं हुई है। जिससे माहुल में प्रस्तावित भंगार यार्ड की जगह जैसी थी वैसी ही खाली पड़ी है। बीएमसी के अनुसार एम पश्चिम वार्ड के अंतर्गत माहुल में 40 हजार वर्ग मीटर जगह भूमि हस्तांतरण के अंतर्गत प्राप्त हुई है।
यह बीएमसी के वर्ष 1991 की विकास योजना के अनुसार यह जमीन मिली है। डीपी में इस बात का प्रावधान किया गया है कि औद्योगिक क्षेत्र का रूपान्तरण शहरी क्षेत्र में होता है तो उसका 25 प्रतिशत हिस्सा बीएमसी को मिलता है।
इस तरह एसआरए से माहुल के पास 39160 वर्ग मीटर जगह बीएमसी को मिली है। इसमें से 10190 वर्ग मीटर जगह भंगार गाड़ियों को रखने के लिए भंगार यार्ड बनाने का निर्णय लिया गया है। लेकिन उस पर अभी तक कार्यवाही शुरू नहीं हो पाई है। ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू करने के लिए मुंबई पुलिस और बीएमसी ने कुछ महीने पहले भंगार और खटारा गाड़ियों के खिलाफ अभियान शुरू किया था।
मुंबई शहर और उपनगरों में ऐसी गाड़ियों को रखने के लिए बड़े पैमाने पर जगह की जरूरत है। बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि माहुल टेकड़ी पर 10 हजार वर्ग मीटर जगह है, लेकिन ऊंचाई पर गाड़ियों को रखना चुनौती है।
क्योंकि गाड़ियों को रखने के लिए समतल जमीन की आवश्यकता होती है। भंगार गाड़ियों को रखने की व्यवस्था बीएमसी के अतिक्रमण निर्मूलन विभाग के पास है। नियोजन विभाग द्वारा माहुल की जमीन के सीमांकन के लिए सूचित किया गया है लेकिन अभी कुछ आगे नहीं बढ़ा है। जिससे भंगार गाड़ियों को रखना मुसीबत बन गया है।
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