
...नहीं मिल पा रही बाढ़ पीड़ितों को मदद और राहत - अजीत पवार
... are unable to get help and relief to the flood victims - Ajit Pawar
राज्य के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश से आई बाढ़ के कारण लोग संकट में हैं। अब तक राज्य में १२४ लोगों की मौत हुई है, जबकि २४३ मवेशियों की जानें जा चुकी हैं। कई क्षेत्रों में बाढ़ के पानी से फसल और फल बागों को नुकसान पहुंचा है।
मुंबई : राज्य के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश से आई बाढ़ के कारण लोग संकट में हैं। अब तक राज्य में १२४ लोगों की मौत हुई है, जबकि २४३ मवेशियों की जानें जा चुकी हैं। कई क्षेत्रों में बाढ़ के पानी से फसल और फल बागों को नुकसान पहुंचा है।
लेकिन अपने में ही उलझी शिंदे-फडणवीस की ‘ईडी’ सरकार लोगों को मदद और राहत पहुंचाने में विफल साबित हो रही है। बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुंचाने में सरकार के पसीने छूट रहे हैं। यह आरोप लगाते हुए नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार ने राज्य सरकार की पोल खोली है।
अजीत पवार ने शिंदे- फडणवीस सरकार पर असंवेदनशीलता का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पिछले ४५ दिनों में १३७ किसानों ने आत्महत्या की है। औसतन प्रतिदिन ३ किसान खुदकुशी कर रहे हैं। राज्य में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से लोग मुसीबतों में घिरे हैं।
कई लोग बाढ़ में बह गए तो कई का घर-संसार बर्बाद हो गया है। फसलों और फलों के बागों को भारी नुकसान पहुंचा है। फसल के लिए प्रति हेक्टेयर ७५ हजार रुपए और बागों के लिए प्रति हेक्टेयर डेढ़ लाख रुपए मुआवजा देने की मांग उन्होंने की है।
अजीत पवार के अनुसार निष्कर्षों में बदलाव करके बाढ़-पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग की गई थी। इसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पूर्व मंत्री अशोक चव्हाण के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करके अनुरोध किया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आश्वासन देने के बाद भी अभी तक एनडीआरएफ के निष्कर्षों में बदलाव करने की मांग पर फैसला नहीं हो सका है। लोग संकट में हैं और पंचनामा भी सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। सरकार को तुरंत बाढ़ प्रभावितों के लिए मुआवजे की राशि घोषित करनी चाहिए।
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