मुंबई को गड्ढों से मुक्ति दिलाने के लिए जिओ पॉलीमर और रैपिड हार्डनिंग कंक्रीट का उपयोग...
Geopolymer and rapid hardening concrete have been used to rid Mumbai of potholes.
मुंबई : मुंबई को गड्ढों से मुक्ति दिलाने के लिए जिओ पॉलीमर और रैपिड हार्डनिंग कंक्रीट का उपयोग किया जाएगा। इससे आने वाले समय में मुंबईकरों का सफर गड्ढामुक्त होने वाला है। मनपा ने इस काम के लिए अगले १५ दिनों का टेंडर निकाला है। दिलचस्प बात यह है कि इसमें ठेकेदार को ५० प्रतिशत राशि का भुगतान काम पूरा होने पर और शेष ५० प्रतिशत राशि का भुगतान गारंटी अवधि पूर्ण होने पर किया जाएगा।
मुंबई में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण मुख्य रूप से डामर की सड़कों पर गड्ढे बन रहे हैं। हालांकि इन गड्ढों को तुरंत भरने के लिए कार्रवाई की जा रही है, फिर भी लगातार भारी बारिश और ट्रैफिक जाम की वजह से कोल्डमिक्स जैसी पारंपरिक तकनीकों का उपयोग भी सीमित हो रहा है। ऐसे में गड्ढों को भर तो दिया जाता है लेकिन कुछ समय बाद फिर से गड्ढे बन जाते हैं।
इस पृष्ठभूमि में अपर आयुक्त पी. वेलारासु ने हाल ही में विभिन्न स्थानों पर किए सड़क निरीक्षण दौरे के बाद गड्ढों को भरने के लिए नई और उन्नत इंजीनियरिंग विधियों का परीक्षण करने का निर्देश सड़क विभाग को दिया था। इसके तहत उपायुक्त उल्हास महाले की देख-रेख में सड़क विभाग ने ईस्ट फ्री वे के तहत दयाशंकर चौक, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट रोड और आणिक-वडाला रोड पर विभिन्न तकनीकों का प्रदर्शन प्रस्तुत किया था। इसमें रैपिड हार्डनिंग कंक्रीट, स्टील प्लेट से भरे एम-६० कंक्रीट, जिओ पॉलीमर कंक्रीट और पेवर ब्लॉक ये चार तरीके पायलट आधार पर प्रस्तुत किए गए थे।
मुंबई शहर, पूर्व उपनगरों और पश्चिम उपनगर के तीनों विभागों को मिलाकर लगभग ५ करोड़ रुपए की अनुमानित लागतवाली कुल पांच निविदाएं मंगाई गई हैं। इसका कार्यादेश दिए जाने से लेकर अगले १५ महीनों की समयावधि के लिए इस निविदा के माध्यम से ठेकेदारों की नियुक्ति की जाएगी। वर्तमान में ८० प्रतिशत भुगतान कार्य पूरा होने के बाद, जबकि गारंटी अवधि के दौरान २० प्रतिशत राशि कई चरणों में दी जाती है। लेकिन अब काम की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए ठेकेदार को ५० प्रतिशत भुगतान गारंटी अवधि के बाद ही किया जाएगा।
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