मुंबई में दहेज उत्पीड़न के मामले में १८ महिलाएं चढ़ीं दहेज की बलि…२४९ मारपीट या मानसिक उत्पीड़न की शिकार
Rokthok Lekhani
मुंबई : मुंबई में दहेज उत्पीड़न के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस वर्ष के पांच महीनों में १८ महिलाएं दहेज उत्पीड़न की बलि चढ़ गईं। इसमें १३ महिलाओं ने परेशान होकर आत्महत्या कर ली, जबकि पांच मामले गैरइरादतन हत्या के तहत सामने आए हैं। इसी दौरान ३७९ महिलाओं ने दहेज के लिए मारपीट या मानसिक उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है।
साल २०२१ के पहले पांच महीनों में मुंबई में दहेज उत्पीड़न के चलते ११ महिलाओं की जान गई थी, जबकि २४९ मारपीट या मानसिक उत्पीड़न की शिकार हुईं थीं। पुलिस के मुताबिक वर्ष २०२० में दहेज उत्पीड़न के चलते २३ महिलाओं की जान गई थी और ४५४ महिलाएं शारीरिक, मानसिक उत्पीड़ का शिकार हुईं थीं। साल २०२१ में २४ महिलाओं की दहेज उत्पीड़न के चलते जान गई और ७८५ ने शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी।
हालांकि इन दो सालों में दहेज को लेकर सीधे हत्या के एक-एक ही मामले ही सामने आए हैं, जबकि दूसरे मामले गैरइरादतन हत्या या आत्महत्या के हैं। मुंबई पुलिस प्रवक्ता डीसीपी संजय लाटकर के मुताबिक किसी भी मामले को सुलझा हुआ तब माना जाता है, जब उसमें आरोपी को गिरफ्तार कर आरोप पत्र दाखिल कर दिया जाए। दहेज उत्पीड़न के मामलों में मिली शिकायतों की छानबीन में एहतियात बरता जाता है। पुख्ता सबूत जुटाकर ही गिरफ्तारी और आरोप पत्र दाखिल करने की कार्रवाई की जाती है इसलिए मामले सुलझने की दर कम दिख रही है।
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