महाराष्ट्र में ‘मिशन जीरो ड्रॉपआउट’ मुहिम शुरू…. शिक्षा से जुड़ेंगे स्कूल छोड़ चुके बच्चे
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मुंबई : स्कूल छोड़ चुके बच्चों की पहचान कर उन्हें पुन: शिक्षा की धारा से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने महाराष्ट्र में ‘मिशन जीरो ड्रॉपआउट’ मुहिम शुरू कर दी है। शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने यह जानकारी अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर साझा की। उन्होंने कहा है कि शिक्षा के अधिकार को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने स्कूली शिक्षा को पटरी पर लाने के लिए इस विशेष मुहिम को शुरू किया है।
महाराष्ट्र में बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम १ अप्रैल २०१० को लागू किया गया।
इस अधिनियम के तहत ६ से १४ वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे को स्कूल में दाखिला देने, नियमित रूप से स्कूल जाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है, वहीं इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि राज्य में आज भी कई बच्चे विभिन्न कारणों से स्कूल से बाहर हैं।
कोरोना के चलते बीते दो सालों में महाराष्ट्र के कई जिलों से बड़ी संख्या में परिवार पलायन कर चुके हैं। इनमें अप्रवासी, वंचित समूहों, भूमिहीन और अल्प भूमि धारकों से संबंधित आर्थिक रूप से दुर्बल परिवार शामिल हैं।
अधिकांश परिवार फसल कटाई के लिए सोलापुर, कोल्हापुर, पुणे, सातारा, नगर और पड़ोसी राज्यों कर्नाटक और गुजरात में प्रवास करते हैं। स्कूल से वंचित ऐसे परिवारों के प्रवासी बच्चों को शिक्षा की धारा में लाने के लिए मार्च २०२१ में महाराष्ट्र में एक विशेष खोज अभियान शुरू किया गया था। हालांकि कोविड के प्रकोप के कारण राज्य में स्कूलों के बंद होने से इस अभियान को प्रभावी ढंग से नहीं चलाया जा सका। इससे छात्रों की नियमित शिक्षा बाधित हुई।
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