म्हाडा ने की सिफारिश… सब्जी विक्रेता, रिक्शाचालक और तृतीयपंथियों का होगा अपना आशियाना!
Rokthok Lekhani
मुंबई : म्हाडा की लॉटरी के द्वारा असंगठित क्षेत्र के रिक्शाचालक, फेरीवाले, सब्जी विक्रेताओं सहित तृतीयपंथियों के अलावा एसिड हमले की पीड़िता, वरिष्ठ नागरिकों को स्वतंत्र आरक्षण के माध्यम से जल्द घर देने का रास्ता साफ होने की संभावना है। अब उनके अपने आशियाने का सपना साकार होगा। दरअसल इन सभी समूहों को अत्यल्प गट में स्वतंत्र आरक्षण देने के संदर्भ में लॉटरी निष्कर्ष समिति की रिपोर्ट ८ साल बाद म्हाडा ने मुंबई मंडल के विधि विभाग के पास भेजी है, रिपोर्ट की तकरीबन सभी सिफारिश मंजूरी के लिए भेजी गई हैं।
बता दें कि म्हाडा लॉटरी की पद्धति काफी पुरानी है। लॉटरी प्रक्रिया को दूर करने का निर्णय २०१२-१३ में लिया गया था। इसके लिए पूर्व उपलोकायुक्त सुरेश कुमार की अध्यक्षता में लॉटरी निष्कर्ष समिति की स्थापना की गई थी। इस समिति ने अनेक बातों का अध्ययन करके सविस्तार रिपोर्ट तैयार की थी, इसके साथ ही इस रिपोर्ट को १८ दिसंबर २०१४ को सरकार सहित म्हाडा को सौंप दी गई थी। इस रिपोर्ट में सुरेश कुमार ने अनेक महत्वपूर्ण सिफारिश की हैं।
बताया जाता है कि म्हाडा इस रिपोर्ट को भूल गई थी, जबकि इस रिपोर्ट की मंजूरी की प्रतीक्षा थी। आखिरकार मंडल को इस रिपोर्ट के बारे में याद आ गई और रिपोर्ट को विधि विभाग के पास मंजूरी के लिए भेजने की जानकारी मंडल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। रिपोर्ट के व्यवहारिक सिफारिश के संदर्भ में प्रस्ताव तैयार करके विधि विभाग म्हाडा प्राधिकरण के पास मंजूरी के लिए प्रस्तुत करेगी।
ऐसा अधिकारी ने स्पष्ट किया। यह रिपोर्ट मंजूर हुई तो म्हाडा लॉटरी निष्कर्ष प्रक्रिया में भारी फेरबदल होगा। असंगठित क्षेत्र के मजदूर, रिक्शा चालक, भाजी विक्रेता, फेरीवाले आदि के लिए चार प्रतिशत विशेष आरक्षण रखने की सिफारिश की गई है, इसी प्रकार वरिष्ठ नागरिक और तृतीयपंथियों के लिए अत्यल्प गट के लिए १ प्रतिशत घर आरक्षित रखने की सिफारिश रिपोर्ट में की गई है।
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