एक्शन में लोकसभा सचिवालय, जेल में बंद नवनीत राणा की लोकसभा अध्यक्ष को चिट्ठी

एक्शन में लोकसभा सचिवालय, जेल में बंद नवनीत राणा की लोकसभा अध्यक्ष को चिट्ठी

मुंबई: महाराष्ट्र में जारी हनुमान चालीसा और लाउडस्पीकर विवाद के बीच उद्धव ठाकरे के खिलाफ बीजेपी के अभियान के बीच चर्चा में आज अगर कोई चेहरा सबसे आगे है, तो वो हैं निर्दलीय सांसद नवनीत राणा का.

साउथ इंडियन फिल्मों की पूर्व एक्ट्रेस और सांसद नवनीत राणा ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर पर हनुमान चालीसा के पाठ का ऐलान क्या किया, शिवसैनिकों ने जमकर बवाल काटा. इसके बाद महाराष्ट्र की पुलिस ने कई केस दर्ज किए और सांसद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा को गिरफ्तार करके जेल पहुंचा दिया.

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अब नवनीत राणा ने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखकर उद्धव सरकार और महाराष्ट्र पुलिस पर कई आरोप लगाए हैं. वहीं, इस पर लोकसभा सचिवालय ने महाराष्ट्र सरकार से 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी है.

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नवनीत राणा ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी है. इसमें नवनीत का दर्द छलका है. नवनीत राणा ने चिट्ठी में लिखा कि मुझे 23 तारीख को पुलिस स्टेशन ले जाया गया. 23 अप्रैल को मुझे पूरी रात पुलिस स्टेशन में ही गुजारनी पड़ी. रात को मैंने कई बार पीने के लिए पानी मांगा, लेकिन रातभर मुझे पानी नहीं दिया गया.

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नवनीत ने आगे बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मौके पर मौजूद पुलिस स्टाफ ने कहा कि मैं अनुसूचित जाति की हूं, इसलिए वह मुझे उसी ग्लास में पानी नहीं दे सकते, जिसमें वे लोग पीते हैं. मतलब मुझे मेरी जाति की वजह से पीने के लिए पानी तक नहीं दिया गया. मैं यह जोर देकर कहना चाहती हूं कि मेरी जाति की वजह से मुझे बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित रखा गया.

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नवनीत आगे कहती हैं कि मुझे रात को बाथरूम जाना था, लेकिन पुलिस स्टाफ ने मेरी इस मांग पर भी कोई ध्यान नहीं दिया. फिर मुझे गाली दी गई. कहा गया कि नीची जात वालों को वे (पुलिस स्टाफ) अपना बाथरूम इस्तेमाल नहीं करने देते हैं.

नवनीत ने लोकसभा स्पीकर को लिखी चिट्ठी में कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चल रही शिवसेना सरकार अपने हिंदुत्व के सिद्धांतों से पूरी तरह से भटक चुकी है. ये लोग जनता के उस भरोसे को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं जिसके आधार पर ये सत्ता में आए.

नवनीत ने चिट्ठी में कहा कि मैंने शिवसेना में हिंदुत्व की लौ फिर से जगाने को कोशिश की थी. इसी वजह से सीएम उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा के पाठ का ऐलान किया था. यह यह किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए या फिर तनाव भड़काने के लिए नहीं किया था.

मैंने सीएम उद्धव ठाकरे को हनुमान चालीसा के पाठ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था. मेरा कदम सीएम के खिलाफ नहीं था. लेकिन मुझ पर आरोप लगाया गया कि मेरे इस कदम से मुंबई में कानून और व्यवस्था को खतरा हो सकता है. इसके बाद मैंने ये भी कहा कि मैं सीएम आवास नहीं जाऊंगी.

पुलिस ने सांसद नवनीत और रवि राणा पर धारा 153 ए यानी धर्म के आधार पर 2 समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के मामले में गिरफ्तार किया था. बाद में पुलिस ने राणा दंपति पर धारा 353 के तहत एक और केस दर्ज किया गया था. फिर रविवार बांद्रा कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने पुलिस रिमांड की मांग की थी, जिसे खारिज कर दिया गया. इसके बाद राणा दंपति पर राजद्रोह की धारा भी लगाई गई है.

महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने कहा कि नवनीत राणा को हनुमान चलीसा पढ़ने के लिए गिरफ्तार नहीं किया है. उनके स्टेटमेंट्स (बयान) के कारण जो कानून व्यवस्था को दिक्कत की स्थिति पैदा हुई, उसकी वजह से अरेस्ट किया गया है. मंत्री ने कहा, ‘नवनीत राणा जानबूझकर अशांति पैदा कर रही थीं. उनके हनुमान चलीसा पढ़ने को लेकर कोई विरोध नहीं था.

लेकिन वो दूसरे के घर जाकर क्यों ऐसा करना चाहती थीं? खुद के घर करें. उन्होंने कानून व्यवस्था में दिक्कत पैदा की, इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया. राणा दम्पति ने शुक्रवार को उद्धव ठाकरे के घर ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया था. राणा दम्पति के इस ऐलान के बाद शनिवार को सुबह से ही उनके घर के बाहर भारी संख्या में शिवसैनिक जुट गए थे. उन्होंने दिनभर राणे दंपत्ति के घर के बाहर हंगामा किया. शिवसैनिकों ने राणे दम्पति पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया.

पुलिस में दर्ज करवाई गई शिकायत में शिवसैनिकों ने कहा था कि उनके लिए मातोश्री मंदिर की तरह है. शिवसैनिकों ने कहा कि राणा दंपति ने उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सांसद नवनीत राणा के साथ पुलिस स्टेशन में दुर्व्यवहार किया गया. उन्हें नीची जाति का बताया गया. इसके साथ ही उन्हें पीने के लिए पानी तक नहीं दिया गया. न ही वॉशरूम जाने दिया गया.

इससे पहले हमने कभी नहीं देखा कि बदले की भावना से इस तरह की कार्रवाई की गई हो. महाराष्ट्र में अहंकारी लोग सत्ता में हैं. ये लोग लोकतंत्र को कुचलने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं ऐसे लोगों को चेतावनी देता हूं कि हम डरते नहीं हैं. हम संघर्ष करेंगे. हनुमान चालीस को लेकर जारी विवाद मुंबई से दिल्ली तक आ गया है.

दरअसल सोमवार को बीजेपी का प्रतिनिधमंडल दिल्ली पहुंचा. बीजेपी के इस दल में किरीट सोमैया भी शामिल रहे. किरीट पर खार पुलिस थाने पर हमला हुआ था. इसके विरोध में बीजेपी के दल ने गृह सचिव से मुलाकात की है. डेलीगेशन ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को एक ज्ञापन दिया. इसमें पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. प्रतिनिधिमंडल में किरीट सोमैया, मिहिर कोटेचा, अमित साटम, पराग शाह, राहुल नर्वेकर और विनोद मिश्रा शामिल रहे.

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