
मुंबई में हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी... चार लोगों की मौत!
Hair transplant surgery in Mumbai... Char logan ki maut!
भागदौड़ भरी जिंदगी में बालों का झड़ना या गंजापन आम बात हो गई है। हाल के दिनों में हेयर ट्रांसप्लांट को एक कारगर विकल्प माना जा रहा है। जाहिर है दुनिया भर में हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। हालांकि हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
मुंबई : भागदौड़ भरी जिंदगी में बालों का झड़ना या गंजापन आम बात हो गई है। हाल के दिनों में हेयर ट्रांसप्लांट को एक कारगर विकल्प माना जा रहा है। जाहिर है दुनिया भर में हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। हालांकि हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार जान भी जोखिम में पड़ जाती है। कुछ दिन पहले इसी तरह की सर्जरी कराने वाले एक युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। देश में अब तक हेयर ट्रांसप्लांट गलत होने से चार लोगों की मौत हो चुकी है। इसलिए ऐसी सर्जरी के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
उल्लेखनीय है कि गंजेपन की समस्या पहले पुरुषों में होती थी। हाल ही में महिलाओं में तेजी से बाल झड़ने की समस्या बढ़ी है। कई लोग इसे दूर करने के लिए उपलब्ध विकल्पों को जाने बिना गलत तरीके से इलाज करवाते हैं। गलत दवाइयों और सलाह के कारण कई लोगों को क्षति का भी सामना करना पड़ता है। इस प्रक्रिया में होने वाले केमिकल रिएक्शन के कारण कई लोगों को शारीरिक कष्ट झेलना पड़ा है।
कई लोगों के बाल हमेशा के लिए झड़ गए हैं। हेयर ट्रांसप्लांट का दुनिया भर में एक बड़ा बाजार है। इस समय हर १३ में से एक पुरुष इस सर्जरी से गुजरता है। दुनिया भर में हर साल ३.५ करोड़ पुरुष और २ करोड़ महिलाएं बालों के झड़ने या गंजेपन की समस्या से जूझते हैं। २०१९ में दुनिया में ७५ लाख लोगों ने हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी कराई, जिसमें भारत सबसे आगे है। साल २०१२-१३ में हेयर ट्रांसप्लांट पर ४५० करोड़ रुपए खर्च किए गए।
यह बाजार सालाना ६.३० फीसदी की दर से बढ़ रहा है। देश में हर साल साढ़े तीन लाख नागरिक हेयर ट्रांसप्लांट करवाते हैं। देश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या करीब एक हजार है। हालांकि यह संख्या बढ़ती मांग के अनुपात में बहुत कम है। अक्सर हमें ऐसे मरीज मिलते हैं, जिनका ट्रांसप्लांट हुआ है और गलत परिणाम मिलते हैं। त्वचा विशेषज्ञ डॉ. कमलाकर जावले के मुताबिक एक बार गंजा आदमी समाज द्वारा स्वीकार कर लिया जाता है लेकिन ऐसी स्त्री को स्वीकार नहीं किया जाता है इसलिए बालों के झड़ने की समस्या मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।
इसके परिणामस्वरूप अत्यधिक प्रभाव जैसे तनाव, चिंता, अवसाद, कम आत्मविश्वास, आत्मघाती विचार आदि देखे जाते हैं। एसोसिएशन ऑफ हेयर रिस्टोरेशन सर्जन के राष्ट्रीय सचिव डॉ. मयंक सिंह के मुताबिक २४ से २५ साल के युवाओं को हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी से बचना चाहिए। इसलिए उनका गंजापन तेजी से बढ़ता है। हेयर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया विशेषज्ञ और प्रशिक्षित डॉक्टरों द्वारा ही की जानी चाहिए।
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