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यूपी में मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में कमल खिलाने का प्लान... निकाय चुनाव में बदलेगी बीजेपी की रणनीति?
Plan to bloom lotus in Muslim dominated areas in UP... Will BJP's strategy change in civic elections?
यूपी में होने वाले निकाय चुनाव में क्या बीजेपी की रणनीति बदलेगी। शत प्रतिशत जीत के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही पार्टी ने मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में कमल खिलाने के लिए इस बार एक खास प्लान बनाया है।
लखनऊ : यूपी में होने वाले निकाय चुनाव में क्या बीजेपी की रणनीति बदलेगी। शत प्रतिशत जीत के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही पार्टी ने मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में कमल खिलाने के लिए इस बार एक खास प्लान बनाया है। इसके तहत लम्बे अर्से बाद बीजेपी ऐसे वार्ड और नगर पंचायतों में भी अपने सिंबल पर प्रत्याशी उतार सकती है जहां अधिकतर अल्पसंख्यक वोटर हैं।
पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा ने इस मिशन पर काम शुरू कर दिया है। प्रदेश भर में मोर्चा की बैठकों का सिलसिला शुरू हो रहा है। माना जा रहा है कि ये तैयारी सिर्फ निकाय चुनाव की नहीं बल्कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए की जा रही है।
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर अभी तक के आम चुनावों में बीजेपी ने यूपी में अल्पसंख्यक समाज से उम्मीदवारों को खड़ा नहीं किया है लेकिन निकाय चुनाव में उसकी रणनीति बदल सकती है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली के हवाले से बताया गया है कि प्रदेश में 1200 से अधिक ऐसे वार्ड हैं जहां अल्पसंख्यक वोटर बड़ी संख्या में हैं। ऐसी ही नगर पंचायत की 50 से 60 सीटें ऐसी हैं जहां बीजेपी ने पहले अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे। इस बार ऐसी सभी सीटों पर बीजेपी के निशान पर प्रत्याशी उतारने की योजना है। ऐसी सीटों पर अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारियों और अल्पसंख्यक समाज से आने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ाया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले दिनों बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने भी इसके संकेत दिए हैं। पार्टी की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि बीजेपी किसी भी वार्ड या नगर पंचायत को छोड़ने वाली नहीं है। हर जगह अपने उम्मीदवार उतारेगी। पार्टी की ओर से अल्पसंख्यक मोर्चा को भी तैयारी में जुटने को कहा गया है। बासित अली का कहना है कि बीजेपी सरकार की योजनाओं के सबसे ज्यादा लाभार्थी अल्पसंख्यक समाज से हैं। उनके मुताबिक मोर्चा पूरी ताकत से निकाय चुनाव में जुटा है। बीजेपी का फिलहाल पूरा जोर मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण पर है। चुनाव अभियान की शुरुआत नगर निगमों वाले क्षेत्रों से होगी। फिर जिला मुख्यालय वाली और बड़ी नगर पालिकाओं की और उसके बाद नगर पंचायतों की बारी आएगी।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह जल्द निगम वाले क्षेत्रों से शुरुआत कर प्रदेश को मथना शुरू करेंगे। शहरी निकाय चुनावों में भाजपा पहले भी अच्छा प्रदर्शन करती रही है। मगर इस बार पार्टी पूर्व से भी बेहतर परिणाम चाहती है। पिछली बार हुए 16 नगर निगमों के चुनाव में भाजपा ने 14 सीटों पर जीत दर्ज कराई थी। इस बार शाहजहांपुर के शामिल होने से निगमों की संख्या 17 हो गई है। इन सभी नगर निगमों पर भगवा फहराने का लक्ष्य रखा गया है।
आरक्षण के हिसाब से तय होंगे प्रत्याशी
पार्टी सूत्रों की मानें तो प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश महामंत्री संगठन जल्द निकायों में चुनावी तैयारियों का जायजा लेने जाएंगे। परिसीमन लगभग फाइनल हो चुका है। अब सबकी निगाहें निकायों के आरक्षण पर लग गई हैं। मेयर और चेयरमैन के साथ ही पार्षदों की सीटों का भी आरक्षण तय होना है। आरक्षण फाइनल होते ही प्रत्याशी तय होंगे।
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