NCRB की रिपोर्ट में हुआ खुलासा...महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा विद्यार्थियों ने की आत्महत्या!
NCRB report revealed that maximum number of students committed suicide in Maharashtra!
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने एक नया आंकड़ा जारी किया है. इस आंकड़े के मुताबिक सन् 2021 में विद्यार्थियों में आत्महत्या की घटनाओं में 4.5 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. स्टूडेंट के बीच सुसाइड की घटनाओं में महाराष्ट्र पहले नंबर पर है.
महाराष्ट्र : नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने एक नया आंकड़ा जारी किया है. इस आंकड़े के मुताबिक सन् 2021 में विद्यार्थियों में आत्महत्या की घटनाओं में 4.5 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. स्टूडेंट के बीच सुसाइड की घटनाओं में महाराष्ट्र पहले नंबर पर है.
साल 2021 में महाराष्ट्र में 1 हजार 834 विद्यार्थियों की आत्महत्या की घटनाएं सामने आईं. इसके बाद मध्य प्रदेश का नंबर आता है. यहां 1 हजार 308 विद्यार्थियों ने आत्महत्या की.
तमिलनाडू में 1 हजार 246 विद्यार्थियों द्वारा आत्महत्या करने का आंकड़ा सामने आया है. एनसीआरबी की यह रिपोर्ट यह बताती है कि 2020 -2021 के कोरानाकाल में विद्यार्थियों में आत्महत्या की घटनाओं में तेजी आई.
एनसीआरबी की रिपोर्ट से यह भी साफ होता है कि पिछले 5 सालों में आत्महत्या की घटनाओं में लगातार बढ़ोत्तरी होती गई है. 2020 में 12 हजार 526 विद्यार्थियों ने आत्महत्या की. 2021 में यह संख्या बढ़ कर 13 हजार 089 हो गई.
2017 और 2019 में कुल आत्महत्याओं में से विद्यार्थियों की आत्महत्या की घटनाएं 7.40 से 7.60 तक थी. 2020 में यह बढ़ कर 8.20 हो गई और 2021 में इसमें थोड़ा उतार आया और यह 8 फीसदी तक रह गया. इस रिपोर्ट में विद्यार्थियों की आत्महत्या के केसेस में बढ़ोत्तरी तो साफ दिखाई दे रही है.
सुसाइड की अहम वजह इम्तिहान में नाकामयाबी
एनसीआरबी की रिपोर्ट में यह बताया गया है कि 18 साल से नीचे की उम्र के 10 हजार 732 स्टूडेंट्स ने सुसाइड कर लिया. इनमें 864 विद्यार्थियों ने इम्तिहान में पास ना होने की वजह से आत्महत्या की.
पारिवारिक समस्या इन आत्महत्या की घटनाओं की एक अहम वजह थी. 2017 से विद्यार्थियों में आत्महत्या की तादाद में 32.15 फीसदी तेजी आई है. 2017 में आत्महत्या करने वाले कुल विद्यार्थियों की संख्या 9 हजार 905 थी.
आत्महत्या करने वाले विद्यार्थियों में उच्च शिक्षित कम
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक फीमेल स्टूडेंट्स में सुसाइड का रेट पांच सालों के आंकड़े को देखें तो 43.49 फीसदी है जबकि मेल स्टूडेंट्स में सुसाइड का रेशियो 56.51 फीसदी है.
2017 में 4 हजार 711 छात्राओं ने आत्महत्या की थी जबकि 2021 में यह आंकड़ा बढ़ कर 5 हजार 693 तक पहुंच गया. एनसीआरबी की रिपोर्ट में आत्महत्या करने वाले स्टूडेंट की शैक्षणिक पृष्ठभूमि भी बताई गई है. आत्महत्या करने वाले विद्यार्थियों में सिर्फ 4.6 फीसदी विद्यार्थी अधिक शिक्षित थे.
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