मनपा दुर्घटना टालने को थर्माप्लास्टिक का करेगी इस्तेमाल... सड़कों पर खर्च होंगे 150 करोड़ रुपए
Municipal corporation will use thermoplastic to avoid accidents... Rs 150 crore will be spent on roads
मनपा रोड डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई शहर में इन कार्यों पर 50 करोड़, पश्चिम उपनगर में 50 और पूर्व उपनगर की सड़कों पर 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अधिकारी ने बताया कि मुंबई में 2050 किमी लंबी सड़कें हैं। इसमें से करीब 1200 किमी सड़कें सीमेंटेड हो चुकी हैं। जो सड़कें हाल ही में सीमेंटेड हुई हैं उनके भी डिवाइडर सहित अन्य मार्किंग का काम बाकी है। यह कार्य बरसात के बाद अक्टूबर से शुरू किए जाएंगे।
मुंबई : सड़कों पर वाहन चालकों द्वारा नियमों का पालन हो और दुर्घटनाओं से बचा जा सके इसके लिए मनपा मुंबई की प्रमुख और छोटी सड़कों पर थर्मोप्लास्टिक का इस्तेमाल करेगी जो रात में भी दिखाई देगा। इसके साथ ही सड़कों के डिवाइडर का कलर, कर्ब स्टोन पेंटिंग, रेज्ड पेवमेंट मार्कर, फ्लेक्जिबल मिडिन मार्कर लगाया जाएगा। इस पर मनपा अगले दो साल में 150 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
मनपा रोड डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई शहर में इन कार्यों पर 50 करोड़, पश्चिम उपनगर में 50 और पूर्व उपनगर की सड़कों पर 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अधिकारी ने बताया कि मुंबई में 2050 किमी लंबी सड़कें हैं। इसमें से करीब 1200 किमी सड़कें सीमेंटेड हो चुकी हैं। जो सड़कें हाल ही में सीमेंटेड हुई हैं उनके भी डिवाइडर सहित अन्य मार्किंग का काम बाकी है। यह कार्य बरसात के बाद अक्टूबर से शुरू किए जाएंगे।
बीएमसी का मानना है कि यातायात नियम के लिए मार्किंग से लोग नियमों का पालन करेंगे, इससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी। बीएमसी का कहना है कि पुरानी हो चुकी सड़कों पर यातायात नियम के लिए बनाये गए दिशा मार्क दिखाई नहीं देते हैं या धुधलें हो गए हैं। इसलिए अब वहां थर्माप्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाएगा जो रात में भी दिखाई देगा।
मुंबई में ज्यादातर सड़कों पर गतिरोधक लगे हैं, लेकिन रात में चालकों को गतिरोधक दिखाई न देने की वजह से दुर्घटना हो जाती है। अब उन स्थानों पर थर्माप्लास्टिक लगाया जाएगा जो रात में भी चालकों को आसानी से दिखाई देगा। गतिरोधक के साथ ही जेब्रा क्रॉसिंग पर भी इस रंग का इस्तेमाल होगा।
इसके लिए टेंडर मंगाए गए हैं। बीएमसी अधिकारी ने बताया कि मुंबई में धूल उड़ने और तेज बारिश की वजह से रंग जल्दी धूमिल हो जाते हैं। बरसात को छोड़ कर हर दूसरे महीने मार्किंग की मशीन द्वारा सफाई करना ठेकेदार के लिए अनिवार्य होगा। मुंबई में अब तक महत्वपूर्ण सड़कों पर ही वाहन चालकों व पैदल चलने वालों के लिए कलर की मार्किंग की गई है। वहीं मरम्मत के बाद भी कई सड़कों पर मार्किंग की आवश्यकता है।
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