मुंबई देशमुख ने परमबीर सिंह को एंटीलिया विस्फोटक मामले का ‘मास्टरमाइंड’ बताया
मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने प्रवर्तन निदेशालय ईडी को दिए अपने बयान में दावा किया है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई में स्थित आवास ‘एंटीलिया’ के पास पिछले साल विस्फोटकों वाली कार मिलने की घटना के ‘मास्टरमाइंड’ थे।
देशमुख का दावा धनशोधन मामले में ईडी के पूरक आरोप पत्र का हिस्सा है जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता और उनके दो बेटों को आरोपी बनाया गया है। पूरक आरोप-पत्र पिछले साल दिसंबर में मुंबई की एक अदालत में दायर किया गया था।
राकांपा नेता ने ईडी को दिए बयान में इस घटना में आरोपी पूर्व सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे को
जानने से इनकार किया है गौरतलब है कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के नजदीक 25 फरवरी को एक स्कॉर्पियो कार में जिलेटिन की छड़ें मिली थीं। ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरन ने तब दावा किया था कि यह कार एक सप्ताह पहले चोरी की गयी थी । बाद में हिरन पांच मार्च को ठाणे में मृत मिले थे।
इसके बाद तत्कालीन सहायक निरीक्षक वाजे को मार्च 2021 में गिरफ्तार कर लिया गया था आरोपपत्र के अनुसार एक सवाल के जवाब में, राज्य के पूर्व मंत्री ने कहा कि पिछले साल फरवरी-मार्च में दो घटनाओं के कुछ दिनों बाद, सिंह को दक्षिण मुंबई में विधानभवन (राज्य सचिवालय) में एक ब्रीफिंग के लिए बुलाया गया था।
सिंह द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए एक पत्र का उल्लेख करते हुए, देशमुख ने कहा कि जिस संदेश में उन्होंने उनके खिलाफ ‘‘झूठे आरोप’’ लगाए थे, वे आईपीएस अधिकारी को पुलिस आयुक्त के पद से हटाने के प्रतिशोध में लगाये गये थे देशमुख ने दोहराया कि सिंह द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप, “झूठे” है।
राकांपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्होंने अप्रैल 2021 में राज्य मंत्रिमंडल से नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया था, जब बम्बई उच्च न्यायालय ने सीबीआई को भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया था।उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र राज्य में लगभग 10,000 सहायक पुलिस निरीक्षक हैं और विशेष रूप से, मैं वाजे को नहीं जानता।
देशमुख ने राज्य के गृह मंत्री के रूप में पुलिस अधिकारियों को कोई निर्देश देने से भी इनकार किया है।
ईडी द्वारा इस मामले में जांच की जा रही है और इस संबंध में पिछले साल गिरफ्तारी के बाद राकांपा नेता फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
देशमुख और अन्य के खिलाफ धनशोधन का ईडी का मामला तब सामने आया जब केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सिंह द्वारा लगाए गए रिश्वत के आरोपों से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में उन पर मामला दर्ज किया गया विस्फोटक मिलने और हिरन मामले में गिरफ्तार किये जाने के बाद वाजे भी न्यायिक हिरासत में है।
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