लर्निंग लाइसेंस वाले इंजिनियर ने लोअर परेल फ्लाईओवर के नीचे महिला को रौंदा... अनाथ हुए 4 बच्चे
An engineer with a learning license ran over a woman under the Lower Parel flyover... 4 children orphaned
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अक्षय पटेल अपने एक सहकर्मी की एसयूवी चला रहा था, जो कार में ही था। फ्लाईओवर के नीचे यू-टर्न लेते समय उसने सड़क पार कर रही खारवा को टक्कर मार दी। पूनम खारवा सड़क के डिवाइडर पर गिर गई और उसके सिर में चोट लग गई। उसे तुरंत नायर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मुंबई : मरीन लाइन्स के 28 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर के खिलाफ एफआईआर दर्ज, इंजीनियर पर लोअर परेल फ्लाईओवर के नीचे एक्सिडेंट करने का आरोप है। घटना के समय वह एक सहकर्मी की एसयूवी में यू-टर्न ले रहा था और एक बेघर महिला को रौंद दिया। महिला बुरी तरह से घायल हो गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
महिला के चार बच्चे अनाथ हो गए हैं। एनएम जोशी मार्ग पुलिस ने कहा कि संदिग्ध अक्षय पटेल के पास केवल एक लर्निंग लाइसेंस था, और उसने महिला को अस्पताल पहुंचाया था। उन्होंने उसे एक नोटिस भेजा है, जिसमें उसे बुलाए जाने पर जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है। अक्षय पटेल पर भारतीय न्याय संहिता के तहत लापरवाही और तेज गति से वाहन चलाने आरोप है। इसके अलावा मोटर वाहन अधिनियम के तहत प्रभावी ड्राइविंग लाइसेंस के बिना सार्वजनिक स्थान पर वाहन चलाने का भी आरोप लगा है।
पीड़िता पूनम खारवा (36), एक सिंगल पेरेंट थी। वह अपने चार नाबालिग बच्चों के साथ एलफिंस्टन फ्लाईओवर के नीचे रहती थी। मंगलवार शाम को वह अपने चारों बच्चों के लिए खाना खरीदने निकली थी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अक्षय पटेल अपने एक सहकर्मी की एसयूवी चला रहा था, जो कार में ही था। फ्लाईओवर के नीचे यू-टर्न लेते समय उसने सड़क पार कर रही खारवा को टक्कर मार दी। पूनम खारवा सड़क के डिवाइडर पर गिर गई और उसके सिर में चोट लग गई। उसे तुरंत नायर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पूनम खारवा के परिवार ने बताया कि उसके पति की छह साल पहले बीमारी के कारण मौत हो गई थी। वह और उसके 3, 7, 10 और 14 साल की उम्र के 4 बच्चे कुर्ला चॉल में रहते थे। पति की मौत के बाद पूनम यहां एक साल तक रही, लेकिन किराया न दे पाने के कारण मकान मालिक ने उसे निकाल दिया।
वह परिवार के साथ एलफिंस्टन फ्लाईओवर के नीचे वाले कमरे में रहने लगा। उसके 14 वर्षीय बेटे साहिल ने बताया कि वह हर सुबह दादर बाजार से फूल खरीदता था, वह और उसकी मां इन फूलों से गजरा बनाते थे। शाम को वे इन गजरों को 10 वर्षीय बहन रोशनी के साथ मिलकर ट्रैफिक सिग्नल पर बेचते थे।
साहिल ने कहा, 'मेरी तीन साल की बहन लक्ष्मी हमारी मां के लिए रो रही है। मैंने उसे बताया कि मां गुजरात में हमारे गृहनगर गई है और जल्द ही वापस आ जाएंगी।' बच्चों को फिलहाल ताड़देव में एक चाचा के घर पर आश्रय दिया गया है। साहिल ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि क्या करना है। हमें परिवार चलाना है... अगर हमारे पास रहने के लिए जगह होगी, तो मैं काम कर सकता हूं, खाना बना सकता हूं और अपने भाई-बहनों को खिला सकता हूं।
Comment List