मुंबई / समाजवादी पार्टी ने पहले ही किया प्रत्याशी का ऐलान; घटक दलों के बीच सीट बंटवारा नहीं है फाइनल
Mumbai / Samajwadi Party has already announced its candidate; seat sharing among the constituent parties is not final yet
भिवंडी : महाराष्ट्र प्रदेश समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबु आसिम आज़मी ने कहा कि भिवंडी (पूर्व) और पश्चिम से सपा के प्रत्याशी ही चुनाव लड़ेंगे। भिवंडी (पूर्व) से रईस शेख विधायक हैं। वहीं, पूर्व जिलाध्यक्ष रियाज आज़मी के नाम की पश्चिम से चुनाव लड़ने की आज़मी ने की है।
भिवंडी : महाराष्ट्र प्रदेश समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबु आसिम आज़मी ने कहा कि भिवंडी (पूर्व) और पश्चिम से सपा के प्रत्याशी ही चुनाव लड़ेंगे। भिवंडी (पूर्व) से रईस शेख विधायक हैं। वहीं, पूर्व जिलाध्यक्ष रियाज आज़मी के नाम की पश्चिम से चुनाव लड़ने की आज़मी ने की है। आज़मी ने यह घोषणा (पश्चिम) विधानसभा में पार्टी कार्यालय के उद्घाटन पर कही। आज़मी पिछले कई साल से पश्चिम में सक्रिय हैं और टीम तैयार कर रहे हैं।
बता दें कि महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन में अब तक सीट बंटवारे को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन सीटों को लेकर एमवीए में खींचतान मची हुई है। एमवीए के सभी घटक दल मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं। इसके बावजूद, आज़मी ने कांग्रेस को सीटों को लेकर चैलेंज दे दिया है।
12 सीटों पर समाजवादी पार्टी का दावा
आज़मी ने भिवंडी (पूर्व) और (पश्चिम) सहित राज्य की 12 सीटों पर दावा ठोक दिया है। भिवंडी की दोनों सीटों की मांग करके उन्होंने कांग्रेस सहित एमवीए के सभी घटक दलों को परेशान कर दिया है। उन्होंने कहा कि सपा के अलावा भिवंडी की दोनों सीटों पर कोई नहीं जीत सकता है। बिना किसी गठबंधन के सपा भिवंडी की दोनों सीटों से जीत दर्ज कर चुकी है। उस समय भिवंडी मनपा में सपा के 17 नगरसेवक भी चुने गए थे, इसलिए दोनों सीटें सपा को ही चाहिए।
'एमवीए के साथ ही लड़ेंगे चुनाव'
आज़मी ने कहा कि चुनाव सिर पर हैं। पार्टी कार्यकर्ता 365 दिन संघर्ष करते हैं। रियाज को जब से भिवंडी (पश्चिम) की जिम्मेदारी दी गई है, तभी से काम कर रहे हैं। यहां के लोगों की मांग है कि सपा का ही उम्मीदवार चाहिए। उन्होंने साफ किया कि सपा महाविकास आघाडी के साथ ही मिलकर चुनाव लड़ेगी। अगर एमवीए के साथ चुनाव नहीं लड़ेंगे, तो वोटों का बंटवारा हो जाएगा। उत्तर प्रदेश में सपा ने कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया, जिससे हमारी 37 सीटें हो गईं। इन सीटों के जीतने के बाद बीजेपी का अहंकार टूट गया। पिछले 10 साल में बीजेपी का कोई बिल रुका नहीं था, लेकिन इन सीटों के जीतने के कारण ही वक्फ बोर्ड का बिल रुक गया।
Comment List