पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लगा बड़ा झटका, कोर्ट ने राजनीतिक घटनाक्रम पर तत्काल दखल देने से किया इनकार
Rokthok Lekhani
महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम में तत्काल दखल देने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. आज शिवसेना के उद्धव ठाकरे कैंप ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों को विधानसभा से निलंबित करने की मांग की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि मामला 11 जुलाई को सुनवाई के लिए लगाया गया है, उसी दिन सभी बातों को सुना जाएगा. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 29 जून को देर शाम दिए आदेश में महाराष्ट्र विधानसभा में उद्धव सरकार के फ्लोर टेस्ट को रोकने से मना कर दिया था.
इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. अगले दिन एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में नई सरकार ने शपथ ली. अब उद्धव के नेतृत्व वाली शिवसेना के चीफ व्हिप सुनील प्रभु ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. प्रभु की याचिका में कहा गया है कि शिंदे कैंप के 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई डिप्टी स्पीकर के पास लंबित है, उसके रहते उन्हें विधानसभा में जाने से की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए.
अगले 2-3 दिन में महाराष्ट्र विधानसभा में एकनाथ शिंदे सरकार का बहुमत परीक्षण होना है. उससे पहले आज उद्धव ठाकरे कैंप ने इस प्रक्रिया को रोकने की कोशिश की, लेकिन उसे सुप्रीम कोर्ट से कामयाबी नहीं मिल पाई. शिवसेना के सुनील प्रभु की तरफ से कोर्ट में पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि शिंदे ग्रुप का किसी भी पार्टी में विलय नहीं हुआ है. ऐसे में उसे मान्यता नहीं मिल सकती. मौजूदा स्थिति में विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान शिवसेना और शिंदे ग्रुप, दोनों ही अलग-अलग व्हिप जारी करेंगे. यह अवैध होगा। इसे रोका जाना चाहिए.
इस पर जस्टिस सूर्यकांत और जमशेदपुर पारदीवाला की अवकाश कालीन बेंच ने कहा कि हम अभी किसी भी प्रक्रिया को नहीं रोक रहे हैं. उसे होने दीजिए लेकिन ऐसा नहीं है कि हमने अपनी आंखें बंद कर ली हैं. 11 जुलाई को मामला सुनवाई के लिए लगा है. उस दिन हम सभी पहलुओं पर सुनवाई करेंगे.
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