मुंबई : मुंबई महानगरपालिका भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई - सांसद वर्षा गायकवाड़
Mumbai: Mumbai Municipal Corporation has become a den of corruption - MP Varsha Gaikwad
सांसद व मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड ने आरोप लगाया कि मुंबई महानगरपालिका भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई है। सत्तारूढ़ दल के नेताओं, बीएमसी अधिकारियों, सलाहकार कंपनियों और ठेकेदारों का भ्रष्ट गठबंधन है। भ्रष्टाचार का एक गिरोह चल रहा है। उन्होंने मांग की कि महायुति सरकार के दौरान बीएमसी में हुए सभी कार्यों की एसआईटी से जांच होनी चाहिए और शहरी विकास मंत्रालय इन कार्यों पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।
मुंबई : सांसद व मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड ने आरोप लगाया कि मुंबई महानगरपालिका भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई है। सत्तारूढ़ दल के नेताओं, बीएमसी अधिकारियों, सलाहकार कंपनियों और ठेकेदारों का भ्रष्ट गठबंधन है। भ्रष्टाचार का एक गिरोह चल रहा है। उन्होंने मांग की कि महायुति सरकार के दौरान बीएमसी में हुए सभी कार्यों की एसआईटी से जांच होनी चाहिए और शहरी विकास मंत्रालय इन कार्यों पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।
मुंबई कांग्रेस कार्यालय राजीव गांधी भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सचिन सावंत और मुंबई कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुरेशचंद्र राजहंस, पूर्व नगरसेवक अशरफ आजमी, शीतल म्हात्रे, अजंता यादव, सोफियान वानु, शकील चौधरी, निजामुद्दीन राइन आदि उपस्थित थे।
टेंडर रद्द किए बिना 83 करोड़ रुपए का बिल
बीएमसी में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सांसद वर्षा ने कहा कि पिछली बार उजागर हुआ देवनार घोटाला तो बस एक ट्रेलर था। एमटीएल परियोजना ने पूरे गठजोड़ को उजागर कर दिया है। मास्टर्स एंड कंपनी + ट्रांसकॉन + एजीएसए एक भ्रष्टाचार त्रिकोण बन गया है। 1251 करोड़ रुपए के देवनार पीएपी घोटाले में, अनुमान बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए गए। टेंडर रद्द किए गए और बिना काम किए 83 करोड़ रुपए का बिल अदा कर दिया गया। मास्टर्स एंड कंपनी नामक तथाकथित कंसल्टेंट इसमें प्रमुख भूमिका निभा रहा है। लेकिन यह कंपनी बीएमसी को नहीं, बल्कि कुछ ठेकेदारों को फायदा पहुंचा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब मुंबई मनपा में एक निर्माण विभाग है, जब विभिन्न विभागों में इंजीनियर मौजूद हैं, तो ऐसी कंसल्टिंग कंपनी की क्या आवश्यकता है?
अधिकारियों के खिलाफ भी हो कार्रवाई
सांसद गायकवाड़ ने आगे कहा कि इस भ्रष्ट प्रशासन के पीछे राजनीतिक शक्ति है, जिसके बिना ऐसा भ्रष्टाचार नहीं हो सकता। यदि कोई कंसल्टेंट लगातार दो परियोजनाओं में 30-40% अधिक लागत दिखा रहा है, तो यह गलती से नहीं, बल्कि जानबूझकर किया गया है। दोनों परियोजनाओं (₹1251 करोड़ की देवनार पीएपी और ₹344 करोड़ की एमटीएल परियोजना) को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए, एसआईटी को दोनों निविदाओं और सलाहकार-ठेकेदार समूह की जांच करनी चाहिए।
सांसद गायकवाड़ ने कहा कि ट्रांसकॉन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और एजीएसए इंफ्रा के सभी भुगतान रोक दिए जाने चाहिए। झूठे अनुमान, फर्जी बिलिंग और निविदा घोटाले के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जानी चाहिए। मास्टर्स एंड कंपनी और ट्रांसकॉन / एजीएसए को काली सूची में डाला जाना चाहिए और गलत मंजूरी देने वाले बीएमसी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
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