ठाणे में गीले कचरे से बनेगी 500 टन बायोगैस; मनपा की ऐतिहासिक परियोजना को मंजूरी

500 tons of biogas will be produced from wet waste in Thane; Municipal Corporation's historic project approved

ठाणे में गीले कचरे से बनेगी 500 टन बायोगैस; मनपा की ऐतिहासिक परियोजना को मंजूरी

ठाणे मनपा ने गीले कचरे से हर दिन 500 टन बायोगैस उत्पादन की महत्वाकांक्षी परियोजना को हरी झंडी दिखा दी है। हाल ही में हुई प्रशासनिक आमसभा में इस योजना को मंजूरी दी गई। परियोजना को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर अटकोली (भिवंडी) क्षेत्र में 15 एकड़ जमीन पर स्थापित किया जाएगा। इस योजना की खास बात यह है कि मनपा को इसके निर्माण पर कोई आर्थिक भार नहीं पड़ेगा और प्रकल्प से मिलने वाली रॉयल्टी से मनपा की आय भी होगी।

ठाणे : ठाणे मनपा ने गीले कचरे से हर दिन 500 टन बायोगैस उत्पादन की महत्वाकांक्षी परियोजना को हरी झंडी दिखा दी है। हाल ही में हुई प्रशासनिक आमसभा में इस योजना को मंजूरी दी गई। परियोजना को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर अटकोली (भिवंडी) क्षेत्र में 15 एकड़ जमीन पर स्थापित किया जाएगा। इस योजना की खास बात यह है कि मनपा को इसके निर्माण पर कोई आर्थिक भार नहीं पड़ेगा और प्रकल्प से मिलने वाली रॉयल्टी से मनपा की आय भी होगी।

 

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बता दें कि ठाणे मनपा के अनुसार, ठाणे शहर में प्रतिदिन करीब 1200 मीट्रिक टन कचरा उत्पन्न होता है, जिसमें लगभग 50 प्रतिशत गीला कचरा होता है। फिलहाल मनपा 5-5 टन क्षमता वाली 16 विकेंद्रीकृत खाद परियोजनाओं के जरिए करीब 80 टन गीले कचरे का निपटान कर रहा है। बढ़ती आबादी और शहरीकरण को देखते हुए गीले कचरे के स्थायी समाधान की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए अब 500 टन प्रतिदिन क्षमता वाली बायोगैस परियोजना शुरू की जा रही है। अटकोली डंपिंग ग्राउंड में पहले से ही 32 हेक्टेयर क्षेत्र में कचरा डाला जाता है। इसी स्थान पर यह नई परियोजना 20 वर्षों के लिए स्थापित की जाएगी। ठेकेदार को जमीन मात्र एक रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से दी जाएगी। यदि वह निर्धारित समय सीमा यानी एक वर्ष में प्रकल्प को तैयार नहीं कर पाता तो मनपा उसके ऊपर अधिकार कर लेगी। साथ ही, यदि मनपा को प्रतिदिन 300 टन गीला कचरा नहीं मिलता, तो ठेकेदार को पास की ग्राम पंचायत या अन्य निकायों से कचरा लाने की अनुमति दी जाएगी।
मनपा को होगा आर्थिक लाभ

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इस प्रकल्प से उत्पादित बायोगैस की बिक्री से मनपा को रॉयल्टी के रूप में लाभ मिलेगा। साथ ही, यह परियोजना स्वच्छ भारत मिशन और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मजबूत कदम होगी। मनपा की यह पहल न केवल कचरा निपटान की बड़ी चुनौती को सुलझाएगी, बल्कि शहर को स्वच्छ, हरित और ऊर्जा-सक्षम बनाने में भी सहायक साबित होगी।

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