समृद्धि एक्सप्रेसवे वाहनों के खराब टायरों के कारण दुर्घटनाएं रोकने के लिए ऐसे वाहनों की एंट्री ही बैन कर दी गई
To prevent accidents due to bad tires of Samruddhi Expressway vehicles, the entry of such vehicles has been banned.
मुंबई: टायर हर वाहन के महत्वपूर्ण पार्ट हैं. कट, फटे या घिसे हुए टायरों के साथ गाड़ी चलाना खतरे से खाली नहीं है. सड़क पर चलते हुए गाड़ी के टायर फट जाना एक आम बात है. खासकर, एक्सप्रेसवे पर टायर फटने की घटनाएं कुछ ज्यादा होती हैं. यमुना एक्सप्रेसवे तो इसके लिए काफी कुख्यात है.
समृद्धि एक्सप्रेसवे (Samruddhi Expressway) जिसे नागपुर-नासिक एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है, पर वाहनों के खराब टायरों के कारण होने वाली दुर्घटनाएं रोकने के लिए ऐसे वाहनों की एंट्री ही बैन कर दी गई है जिनके टायर कटे, फटे या घिसे हुए हैं. समृद्धि एक्सप्रेसवे के एंट्री प्वाइंट्स से पिछले तीन महीनों में करीब 1 हजार वाहनों को वापस भेज दिया गया और उन्हें एक्सप्रेसवे पर चढ़ने नहीं दिया गया.
महाराष्ट्र के सड़क सुरक्षा सेल के साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, आठ आरटीओ कार्यालयों की टीमों ने 21,053 वाहनों की जांच की है. इस साल 1 अप्रैल से समृद्धि एक्सप्रेसवे पर घिसे हुए टायरों के कारण 973 वाहनों को चढ़ने से रोक दिया गया. वहीं 234 वाहन चालकों को तेज स्पीड से वाहन चलाते हुए पकड़ा गया. इनमें से 77 को सड़क पर लगाए गए कंप्यूटराइज्ड स्पीड सिस्टम के जरिए पकड़ा गया.
डिप्टी कमिश्नर (सड़क सुरक्षा) भरत कालस्कर ने कहा कि इंटरसेप्टर वाहनों के साथ-साथ कंप्यूटराइज्ड सिस्टम का उपयोग करके कार्यवाही की गई. कालस्कर ने कहा कि वाहनों की तेज स्पीड दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण है. आरटीओ टीमों ने एक्सप्रेसवे पर 3169 चालकों का चालान नो पार्किंग में वाहन खड़ा करने तथा 2204 पर निर्धारित लेन में न चलने के चलते जुर्माना लगाया गया. इसके अलावा 1043 वाहनों पर रिफ्लेक्टिव टेप नहीं लगाने के लिए कार्यवाही कार्यवाही की गई.

