नाबालिग का जबरन प्रसव कराया गया तो बच्चा जीवित पैदा होगा, इसलिए हाई कोर्ट ने नहीं दी परमिशन

The Bombay High Court denied a 15-year-old rape victim the permission to abort her baby, stating that the baby will be born alive even if it is forcefully delivered now.

नाबालिग का जबरन प्रसव कराया गया तो बच्चा जीवित पैदा होगा, इसलिए हाई कोर्ट ने नहीं दी परमिशन

मुंबई स्थित बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए एक 28 सप्ताह की नाबालिग गर्भवती को गर्भपात की इजाजत देने से इंकार दिया है। पीड़िता की मां ने इस बाबत अदालत में अर्जी दाखिल की थी। डॉक्टरों के सलाह और मेडिकल रिपोर्ट के बाद अदालत ने यह बड़ा निर्णय लिया है।

बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने नाबालिग रेप पीड़िता को 28 सप्ताह के भ्रूण के गर्भपात की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने इसके लिए डाक्टरों की उस राय को आधार बनाया है, जिसमें कहा गया था कि यदि मौजूदा अवस्था में नाबालिग का जबरन प्रसव कराया गया तो बच्चा जीवित पैदा होगा। गर्भपात की अनुमति देने की मांग को लेकर नाबालिग की मां ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति आरवी घुघे व न्यायमूर्ति वाईजी खोब्रागडे की खंडपीठ ने कहा कि जबरन प्रसव में भी बच्चे के जीवित पैदा होने की उम्मीद है। समय से पहले बच्चे को जन्म देने से उसके शरीर में कई विसंगतियां हो सकती हैं। ऐसे में बच्चे के भविष्य के लिए बेहतर होगा कि नाबालिग गर्भवस्था की अवधि होने के बाद बच्चे को जन्म दे। याचिका में नाबालिग की मां ने कहा था कि फरवरी, 2023 में उनकी बेटी लापता हो गई थी....Bombay High Court denied a 15-year-old rape victim the permission to abort her baby....

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तीन महीने बाद पुलिस ने नाबालिग को राजस्थान में एक शख्स के साथ पकड़ा था। मां की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ रेप व पॉक्सो कानून की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। खंडपीठ ने नाबालिग को जांच के लिए मेडिकल बोर्ड भेजा था। बोर्ड के डॉक्टरों की राय पर अदालत ने फैसला सुनाया....Bombay High Court denied a 15-year-old rape victim the permission to abort her baby....

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खंडपीठ ने जब गर्भपात की अनुमति देने से मना कर दिया, तो नाबालिग की मां ने आग्रह किया कि बेटी की डिलेवरी तक उसे गैर सरकारी संस्था व शेल्टर में रखा जाए। खंडपीठ ने इस आग्रह को स्वीकार करते हुए कहा कि जन्म के बाद यदि पीड़िता बच्चे को रखने की इच्छुक नहीं होगी, तो वह उसे गोद देने के लिए स्वतंत्र होगी....Bombay High Court denied a 15-year-old rape victim the permission to abort her baby......

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