26 साल से डिप्रेशन की शिकार, दवाएं और थेरेपी बेअसर, भारत में ऑस्ट्रलिया की महिला की हुई ब्रेन स्टिमुलेशन सर्जरी
Australian woman undergoes brain stimulation surgery in India....
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के जसलोक अस्पताल में एक ऑस्ट्रेलियाई मूल की महिला की डीप ब्रेन स्टिमुलेशन सर्जरी को अंजाम दिया गया है। इलाज के बाद महिला अपने भाई के साथ वापस अपने देश लौट गयी है। महिला मरीज बीते 26 साल से इस बीमारी से पीड़ित थी और तमाम इलाज के बाद कोई सुधार नहीं हो रहा था।
डिप्रेशन की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए यह खबर काम की है। साल 2017 में मेंटल हेल्थ एक्ट बनने के बाद देश में पहली बार किसी मानसिक रोगी की सर्जरी की गयी है। यह सर्जरी एक 38 साल के ऑस्ट्रेलियाई मूल की महिला नागरिक की मुंबई में हुई है। डिप्रेशन सर्जरी के लिए सबसे पहले किसी मरीज की सहमति और राज्य सरकार के स्टेट मेंटल हेल्थ बोर्ड द्वारा मंजूरी मिलना जरूरी होता है। इसके बाद ही इसे किया जा सकता है। हालांकि, इसके पहले अस्पताल का एक बोर्ड ऐसे मामलों की जांच करता था और फिर मंजूरी देता था। ऑस्ट्रेलिया के इस नागरिक को भी यह सर्जरी करवाने के लिए दस महीने का इंतजार करना पड़ा। यह प्रक्रिया तब शुरू हुई जब मरीज ने न्यूरोसर्जन डॉ. परेश दोषी से संपर्क किया। मेंटल हेल्थ बोर्ड सेटअप करने के मामले में महाराष्ट्र देश के कई राज्यों से आगे है। इसके साथ ही वह देश का पहला राज्य भी बन गया है जिसने डिप्रेशन सर्जरी के लिए मंजूरी दी है। यह सर्जरी मुंबई के जसलोक अस्पताल में की गयी है। आंकड़ों के मुताबिक डिप्रेशन देश में एक कॉमन मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम है जिससे तकरीबन 15 प्रतिशत लोग जूझ रहे हैं। कई मामलों में दवाओं या शॉक थेरेपी से काम न चलने पर मरीजों को डीप स्टिमुलेशन थेरेपी (डीबीएस) की सलाह भी जाती है...Australian woman undergoes brain stimulation surgery in India....
इस सर्जरी में इलेक्ट्रोड्स को ब्रेन में डाल कर अंजाम दिया जाता है। डीबीएस का इस्तेमाल ज्यादातर पार्किंसंस और ऑब्सेसिव कम्पलसिव डिसऑर्डर और डिप्रेशन के लिए किया जाता है। डॉ. दोषी बताते हैं कि इसके पहले उन्होंने तीन डिप्रेशन के मरीजों का इलाज किया है। जो अब सामान्य जिंदगी बिता रहे हैं। महाराष्ट्र हेल्थ सर्विसेज के डायरेक्टर डॉ. स्वप्निल लेले के मुताबिक महाराष्ट्र और कर्नाटक ऐसे राज्य है। जहां पहले भी नियमित रूप से डिप्रेशन मरीजों की डीबीएस सर्जरी की जाती थी। इस बार भी महाराष्ट्र ऑस्ट्रेलिया के नागरिक की समस्या के बाद तत्काल एक बोर्ड का गठन किया। जिसने मरीज की मानसिक हालत का आंकलन किया...Australian woman undergoes brain stimulation surgery in India....

26 साल से डिप्रेशन की शिकार थी मरीज
ऑस्ट्रेलियाई मूल की महिला ने नाम छापने की शर्त पर बताया कि वह बीते 26 साल से डिप्रेशन की शिकार हैं। इससे निकलने के लिए उन्होंने कई दवाएं खाएं और अलग-अलग थेरेपी भी ली। मरीज के भाई के मुताबिक महिला मरीज खुद भी एक ट्रेंड ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट है। लेकिन डिप्रेशन की वजह से उसने बीते सात सालों से काम पर जाना भी बंद कर दिया था। इसके अलावा महिला हाई वाली एंटी डिप्रेशन की दवाएं भी ले रही थी जो ठीक नहीं था। महिला की इलेक्ट्रोकंवल्सिव थेरेपी (ईसीटी), कॉग्निटिव और बिहेवरियल थेरेपी भी हुई थी। हालांकि, इससे कोई ख़ास फायदा नहीं हुआ। बाद में ऑस्ट्रेलिया के दो नागरिकों ने महिला को डॉ. दोषी के बारे में बताया। जिन्होंने में जसलोक अस्पताल में पहले डीबीएस करवाया था...Australian woman undergoes brain stimulation surgery in India....
ऑस्ट्रेलिया में डीबीएस नहीं की जाती है क्योंकि वहां इसे अभी भी एक एक्सपेरिमेंटल थेरेपी मानी जाती है। तकरीबन तीन सप्ताह पहले महिला की डिप्रेशन सर्जरी हुई है। इस दौरान मरीज होश में थी। ताकि जब इलेक्ट्रोड दिमाग में प्लेस किये जाएं तो यह पता चल सके कि इसका कितना असर हो रहा है। डॉ. दोषी के मुताबिक महिला की हालत में अब सुधार हो रहा है। शुक्रवार को महिला मरीज और उसके भाई वापस ऑस्ट्रेलिया वापस लौट गए हैं...Australian woman undergoes brain stimulation surgery in India....
डीप ब्रेन स्टिमुलेशन सर्जरी क्या होती है
डीप ब्रेन स्टिमुलेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कुछ न्यूरोलॉजिकल स्थितियों जैसे कि पार्किंसंस रोग, गंभीर कंपकंपी, मिर्गी और डिस्टोनिया, एक विकार जिसमें मांसपेशियां सिकुड़ती हैं और ऐंठन होती है, के रोगियों की मदद की जा सकती है। एक सर्जन मरीज की त्वचा के नीचे डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (डीबीएस) के साथ एक मशीन रखता है। यह इकाई मस्तिष्क के एक विशेष हिस्से में विद्युत आवेग पहुंचाती है। ये पल्स न्यूरोलॉजी की कई परिस्थितियों से गुजरने वाले असामान्य संकेतों को अवरुद्ध कर सकते हैं...Australian woman undergoes brain stimulation surgery in India....

