अदालत ने गुजरात के बेस्ट बेकरी कांड हमले के आरोपी को किया बरी, कहा- अभियोजन आरोप साबित करने में रहा विफल
"Prosecution Miserably Failed": Court Acquits 2002 Gujarat Mob Attack Accused..
वर्ष 2002 में गोधरा ट्रेन आगजनी कांड में 56 यात्रियों के मारे जाने के दो दिन बाद वड़ोदरा शहर में भीड़ ने बेस्ट बेकरी पर हमला कर दिया था जिसमें 14 लोग मारे गए थे। मृतकों में ज्यादातर मुस्लिम समुदाय से जुड़े थे।
मुंबई की एक निचली अदालत ने गुजरात में 2002 में हुए बेस्ट बेकरी कांड के आरोपियों- हर्षद सोलंकी और मफत गोहिल को बरी करते हुए कहा है कि अभियोजन पक्ष दोनों आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने में पूरी तरह विफल रहा है(Best Bakery Case)
वर्ष 2002 में गोधरा ट्रेन आगजनी कांड में 56 यात्रियों के मारे जाने के दो दिन बाद वड़ोदरा शहर में भीड़ ने बेस्ट बेकरी (Best Bakery Case)पर हमला कर दिया था, जिसमें 14 लोग मारे गए थे। मृतकों में ज्यादातर मुस्लिम समुदाय से जुड़े थे और उन्होंने गुजरात दंगों के मद्देनजर वहां शरण ली हुई थी।(Best Bakery Case)
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने मंगलवार को सोलंकी और गोहिल को सभी आरोपों से बरी कर दिया। हालांकि विस्तृत आदेश बुधवार को उपलब्ध हो सका।(Best Bakery Case)

2003 में इस मामले में 21 आरोपी हुए थे बरी
अदालत ने फैसले में कहा है कि इन दोनों आरोपियों की कोई विशेष भूमिका नहीं बताई गई है। वडोदरा की एक अदालत ने 2003 में इस मामले में 21 आरोपियों को बरी कर दिया था, जिसकी पुष्टि बाद में गुजरात उच्च न्यायालय ने भी की थी(Best Bakery Case)
जब पीड़िता जाहिराबीबी शेख ने एक गैर सरकारी संगठन NGO के साथ इस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया, तो शीर्ष अदालत ने मुंबई में फिर से सुनवाई कराये जाने का आदेश दिया।
अदालत ने कहा, ‘‘यह साबित करने के लिए (अभियोजन के पास) कुछ भी नहीं था कि दोनों आरोपी भीड़ का हिस्सा थे, उन्होंने दंगा किया और बेस्ट बेकरी को आग लगा दी।’’(Best Bakery Case)
आरोप साबित करने में अभियोजन रहा विफल
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यद्यपि इस घटना में चौदह लोगों की हत्या और अप्राकृतिक मौत को लेकर ज्यादा विवाद नहीं है…(लेकिन) अभियोजन उक्त घटना से इन आरोपियों का संबंध स्थापित करने और उसे साबित करने में बुरी तरह विफल रहा है।’’
न्यायाधीश ने कहा कि बेस्ट बेकरी को रात में आग के हवाले कर दिया गया था और इसकी छत पर शरण लिये हुए लोगों को सुबह एक सीढ़ी से नीचे आने के लिए कहा गया था।
चश्मदीदों की गवाही में विरोधाभास- न्यायाधीश
घायल प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक बार जब वे नीचे आए तो उनके हाथ-पैर बांध दिए गए और उन पर लाठी-डंडों और तलवारों से हमला किया गया। न्यायाधीश ने कहा कि लेकिन इन घायल चश्मदीदों की गवाही में विरोधाभास था, जिनकी फिर से पड़ताल की गयी थी। (Best Bakery Case)
अदालत ने कहा, ‘‘….. इन दोनों आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि वे दोनों इस घटना के समय रात में और सुबह भी तलवार और लोहे के पाइप से लैस थे।’’ अदालत के अनुसार किसी भी घायल चश्मदीद ने यह नहीं कहा कि इन दोनों आरोपियों ने उन्हें चोट पहुंचाईं।(Best Bakery Case)

