मुंबई में कोस्टल रोड की सलाह हुई महंगी...34 करोड़ से बढ़कर 50 करोड़ पहुंचा खर्च
Coastal road advice in Mumbai became expensive ... cost increased from 34 crores to 50 crores
कोस्टल रोड का काम तेजी से चल रहा है।कोस्टल रोड के निर्माण पर खर्च नही बढ़ा लेकिन उसके सलाहकार का खर्च बढ़ गया है। कोस्टल रोड के निर्माण में समय बढ़ने के कारण सलाहकार का खर्च बढ़ता जा रहा है। पिछले चार साल के दौरान सलाहकार के खर्च में 15 करोड़ की बढ़ोत्तरी हुई है।
मुंबई : कोस्टल रोड का काम तेजी से चल रहा है।कोस्टल रोड के निर्माण पर खर्च नही बढ़ा लेकिन उसके सलाहकार का खर्च बढ़ गया है। कोस्टल रोड के निर्माण में समय बढ़ने के कारण सलाहकार का खर्च बढ़ता जा रहा है। पिछले चार साल के दौरान सलाहकार के खर्च में 15 करोड़ की बढ़ोत्तरी हुई है।
प्रिंसेस स्ट्रीट से वर्ली सिलिंक तक बन रहे कोस्टल रोड का तीन चरणों में शुरू है।विभिन्न कारणों जिसमे मुख्य रूप से कोर्ट में मामला जाने के बाद कोस्टल रोड के निर्माण में समय बढ़ गया है।कोस्टल रोड का काम तीन चरणों में पहले नवंबर 2023 में पूरा होने वाला था।
मच्छी मारने वालो को होने वाले नुकसान को लेकर मामला हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गया।मामला कोर्ट में जाने के कारण कोस्टल रोड के काम को पूरा होने में समय अधिक लगने लगा है।मनपा कोस्टल रोड का ठेका देते समय ठेकेदार को समय पर काम पूरा नहीं होने पर दंड लगाने का प्रावधान रखा था । इसी तरह कोस्टल रोड के निर्माण में देरी होने पर किसी तरह का अधिक भुगतान नहीं किए जाने का अनुबंध किया गया था।
।लेकिन सलाहकार से ऐसा कोई अनुबंध नही हुआ था।जिसके चलते सलाहकार का पैसा बढ़ता जा रहा है।पहले सलाहकार से 36 महीने का अनुबंध 2016 में 36 करोड़ का किया गया था।अब कोस्टल रोड के काम को पूरा होने में 68 महीने का समय लगेगा।इसके पहले कोस्टल रोड का काम 36 महीने से बढ़ाकर 48 महीने में पूरा होने का अनुमान लगाया गया था। इस समय भी सलाहकार का खर्च बढ़ाया गया था।
अब कोस्टल रोड का काम 68 महीने में पूरा करने की समय सीमा दी गई है जिसके चलते सलाहकार का खर्च अब 5 करोड़ रुपया और बढ़ाकर 50 करोड़ पहुंच गया है । कोस्टल रोड के बनाने में दो बार हुई समय की बढ़तरी के कारण सलाहकार का कुल खर्च पहले जो 36 करोड़ था अब वह बढ़कर 50 करोड़ पहुंच गया है।
मनपा द्वारा सलाहकारों की इस तरह भरी जाने वाली जेब को लेकर मनपा में विपक्ष द्वारा कई बार सवाल खड़ा किया गया। यहां तक कि स्कूल के निर्माण में सलाहकारों की लापरावाही के कारण स्कूल के मरम्मत और निर्माण का खर्च बढ़ा। जिसको लेकर सलाहकारों को दंडित भी किया गया इसके बावजूद मनपा सलहाकारो पर खूब मेहरबान दिखाई पड़ती है।
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