सुप्रीम कोर्ट में मिले संकेत... ५००-१,००० के पुराने नोट क्या पता बदलकर नए देने का आदेश आ जाए?
Indications found in the Supreme Court... Will there be an order to change the address of the old notes of 500-1,000?
मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले ने पूरे देश को हिला डाला था, उसकी इन दिनों सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं जिनके पास पुराने १,००० और ५०० के नोट पड़े हैं, जो विभिन्न कारणवश नहीं बदले जा सके थे। अब सुनवाई के दौरान कुछ ऐसी बातें कोर्ट में हुई हैं, जिससे संकेत मिल रहे हैं कि ये नोट अभी भी बदले जा सकते हैं।
नई दिल्ली : मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले ने पूरे देश को हिला डाला था, उसकी इन दिनों सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं जिनके पास पुराने १,००० और ५०० के नोट पड़े हैं, जो विभिन्न कारणवश नहीं बदले जा सके थे। अब सुनवाई के दौरान कुछ ऐसी बातें कोर्ट में हुई हैं, जिससे संकेत मिल रहे हैं कि ये नोट अभी भी बदले जा सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नोटबंदी को चुनौती देनेवाली याचिकाओं की सुनवाई के दौरान एक बयान दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘भारतीय रिजर्व बैंक को उन व्यक्तियों द्वारा किए गए वास्तविक आवेदनों पर विचार करना चाहिए, जो पुराने करेंसी नोटों को बदलवाने की समय सीमा से चूक गए हैं।’
पांच जजों जस्टिस एस. अब्दुल नजीर, बी.आर. गवई, ए.एस. बोपन्ना, वी. रामासुब्रह्मण्यम और बी.वी. नागरत्ना की बेंच ५०० और १,००० रुपए के नोटों को विमुद्रीकृत करने के ८ नवंबर के पैâसले की वैधता पर विचार कर रही है। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, देश के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने कहा, ‘विमुद्रीकृत नोटों को बदलने की तारीखों का विस्तार नहीं किया जा सकता।
लेकिन रिजर्व बैंक आवेदकों द्वारा आवश्यक शर्तों को पूरा करने और केंद्रीय बैंक की संतुष्टिवाले कुछ व्यक्तिगत मामलों पर विचार करेगा।’ वेंकटरमणि आरबीआई के पास आए ७०० आवेदनों के बारे में बात कर रहे थे। अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट में नोटबंदी की अधिसूचना का बचाव किया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी को, जाली नोटों की समस्या, काला धन और आतंकवाद की समस्या को रोकने के लिए लागू किया गया था।
सरकार का कहना है कि नोटबंदी को रिजर्व बैक कानून १९३४ के नियमों के तहत लागू किया गया था। सरकार का कहना है कि छह साल बाद याचिकाओं पर विचार करना एक शैक्षणिक कवायद है, इसका कोई मतलब नहीं रह गया है। सुप्रीम कोर्ट नोटबंदी को चुनौती देनेवाली कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। इनमें कहा गया है कि उनके पास पुराने नोट पड़े हैं। एक याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके पास एक करोड़ रुपए से ज्यादा के पुराने नोट रखे हैं।
इस पर कोर्ट ने कहा कि आप इन्हें संभालकर रखिए। एक याचिकाकर्ता ने कहा कि वे नोटबंदी के समय विदेश में थे। नोट बदलवाने की तारीख मार्च से पहले बंद हो चुकी थी, जबकि कहा गया था कि विंडो मार्च के आखिर तक खुली रहेगी। इसी तरह एक याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके जब्त किए गए लाखों रुपए कोर्ट में जमा हैं, लेकिन नोटबंदी के बाद वे सब बेकार हो गए।
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