राकांपा नेता को मिली घाटकोपर मैदान में छठ पूजा की मंजूरी, बॉम्बे HC ने BMC का आदेश को किया रद्द...
NCP leader gets approval for Chhath Puja at Ghatkopar Maidan, Bombay HC sets aside BMC's order
घाटकोपर के एक मैदान में छठ पूजा करने को लेकर बीएमसी द्वारा पहली दी गई अनुमति को रद्द करने के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। इस मामले में अदालत ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के पहले दी गई अनुमति को रद्द करने के आदेश को रद्द कर दिया।
मुंबई: घाटकोपर के एक मैदान में छठ पूजा करने को लेकर बीएमसी द्वारा पहली दी गई अनुमति को रद्द करने के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। इस मामले में अदालत ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के पहले दी गई अनुमति को रद्द करने के आदेश को रद्द कर दिया।
दरअसल, छठ पूजा का आयोजन 30-31 अक्टूबर को मुंबई के घाटकोपर के आचार्य अत्रे मैदान में होना है। ऐसे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की पूर्व पार्षद राखी जाधव के नेतृत्व वाले संगठन श्री दुर्गा परमेश्वरी सेवा मंडल ने बीएमसी से इस मैदान में छठ पूजा के आयोजन की अनुमति मांगी थी।
बीएमसी ने पहले राकांपा नेता के संगठन को इसकी अनुमति दे भी दी थी, लेकिन बाद में अपनी पहले की दी गई अनुमति को रद्द करते हुए बीएमसी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व पार्षद भालचंद्र शिरसत द्वारा समर्थित एक संगठन को इसकी अनुमति दे दी। इसे लेकर ही जाधव ने बीएमसी के आदेश को रद्द करने के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
मामले में सुनवाई के दौरान, बीएमसी ने अदालत को बताया कि परमेश्वरी सेवा मंडल के मैदान के अनुरोध पर आवंटन के लिए विचार नहीं किया गया क्योंकि वे अग्निशमन विभाग, स्थानीय पुलिस स्टेशन और यातायात पुलिस से आवश्यक एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) प्रदान करने में असमर्थ थे।
इसलिए बीएमसी ने बाद में अटल सामाजिक संस्कृति सेवा प्रतिष्ठान को अनुमति दी थी, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व पार्षद भालचंद्र शिरसत द्वारा समर्थित एक संगठन है। बीएमसी ने कहा कि चूंकि अटल सामाजिक संस्कृति सेवा प्रतिष्ठान ने समय पर दस्तावेज जमा कर दिए थे, इसलिए उसे उत्सव आयोजित करने की अनुमति दी गई थी।
वहीं अब, अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद BMC के आदेश को रद्द कर दिया है। साथ ही हाई कोर्ट ने बीएमसी के उस आदेश को भी खारिज कर दिया जिसमें अटल सामाजिक संस्कृति सेवा प्रतिष्ठान को छठ पूजा आयोजित करने की अनुमति दी गई थी।
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