सीएम शिंदे ने दिया निर्देश...एमएमआरडीए बनाएगा वर्सोवा-विरार सी लिंक
CM Shinde gave instructions...MMRDA will make Versova-Virar Sea Link
एमएमआरडीए को सीएम शिंदे ने 43 किमी लंबे वर्सोवा-विरार सी लिंक के निर्माण का निर्देश दिया है। मुंबई में वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे के साथ अन्य लिंक रोड पर होने वाली भारी ट्रैफिक कम करने में वर्सोवा-विरार सी लिंक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
मुंबई: एमएमआरडीए को सीएम शिंदे ने 43 किमी लंबे वर्सोवा-विरार सी लिंक के निर्माण का निर्देश दिया है। मुंबई में वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे के साथ अन्य लिंक रोड पर होने वाली भारी ट्रैफिक कम करने में वर्सोवा-विरार सी लिंक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
एमएमआरडीए की बैठक में इस बहुउद्देशीय परियोजना को लेकर सीएम शिंदे ने चर्चा की है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 1 लाख करोड़ रुपए की दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे परियोजना के तहत वर्सोवा-वसई-विरार सी लिंक बनाने की पेशकश की थी। इसके तहत एक्सप्रेस-वे को नरीमन पॉइंट तक जोड़ने के लिए वर्सोवा-विरार एक्सटेंशन का निर्माण किया जा सकेगा।
इससे नरीमन पॉइंट और विरार के बीच 71 किमी की सड़क यात्रा 3 घंटे से घट कर एक घंटे हो जाएगी। सबसे लंबा सी लिंक एमएमआरडीए द्वारा बनाया जाने वाला 43 किलोमीटर लंबा वर्सोवा-विरार सी लिंक देश का सबसे बड़ा समुद्री ब्रिज होगा। यह लगभग एक किमी समुद्र के किनारे से अंदर से होकर जाएगा।
वैसे देश के सबसे बड़े 22 किमी के सी-लिंक एमटीएचएल का काम जोर से चल रहा है। मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ने वाले मुंबई ट्रांसहार्बर लिंक को 2024 तक खोले जाने का लक्ष्य है। इसी तरह एमएमआरडीए नरीमन प्वाइंट और कोलाबा के बीच एक अन्य समुद्री लिंक पर भी काम शुरू करने जा रहा है।
आंकी गई थी इतनी लागत इसके पहले तैयार की गई एक फिजीबीलिटी रिपोर्ट के अनुसार चारकोप, उत्तन, वसई और विरार में कनेक्टर्स के साथ समुद्री लिंक बनाने का प्रस्ताव है। 4+4 लेन का मुख्य पुल चार स्थानों पर वर्सोवा से विरार को 3+3 लेन कनेक्टर्स से जोड़ेगा। लागत 21,000 करोड़ रुपए आंकी गई थी। इस टोल रोड पर रोजाना 60,000 वाहनों के आवागमन की क्षमता का अंदाज लगाया गया।
प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में सी लिंक के लिए टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स (टीसीई) द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर 2019 में एमएसआरडीसी के माध्यम से इसके निर्माण की योजना बनी थी, परंतु तटीय निर्माण और पर्यावरण नियमों के चलते प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया। वैसे पिछली एमवीए सरकार ने भी वर्सोवा-विरार सी लिंक प्रोजेक्ट के लिए अंतरराष्ट्रीय सलाहकार नियुक्त करने के लिए निविदा मंगाई थी।
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