किराया बकाया रखनेवाले भवन निर्माताओं के खिलाफ म्हाडा ने शुरू किया वसूली अभियान...
MHADA started recovery campaign against builders who kept rent arrears
किराया बकाया रखनेवाले भवन निर्माताओं के खिलाफ झोपड़पट्टी पुनर्विकास प्राधिकरण (MHADA) ने जोरदार वसूली अभियान शुरू किया है। इसके अलावा ऐसे बकाएदार भवन निर्माताओं के खिलाफ चार महीने पहले से ही कार्रवाई शुरू कर दी है।
मुंबई : किराया बकाया रखनेवाले भवन निर्माताओं के खिलाफ झोपड़पट्टी पुनर्विकास प्राधिकरण (MHADA) ने जोरदार वसूली अभियान शुरू किया है। इसके अलावा ऐसे बकाएदार भवन निर्माताओं के खिलाफ चार महीने पहले से ही कार्रवाई शुरू कर दी है।
म्हाडा ने घोषणा की है कि करीब ३९ पुनर्विकास योजनाएं पूरी तरह से ठप पड़ी हैं। इनमें से सात परियोजनाओं के निवासियों ने इसे आगे ले जाने का पैâसला किया है। फिलहाल वर्तमान में इसे लेकर कानूनी प्रावधानों की जांच म्हाडा कर रही है।
किराया बकाएदार भवन निर्माताओं को झोपड़पट्टी पुनर्विकास प्राधिकरण द्वारा महीने भर की अवधि दी गई है। इसके बावजूद बकाया न दिए जाने पर शुरू में बिक्री पर रोक और बाद में परियोजना से तत्काल हटाने की चेतावनी दी गई है। बताया गया है कि ऐसे डेढ़ सौ बकाया विकासकर्ता ‘झोपु प्राधिकरण’ में हैं और ये प्रोजेक्ट ठप नहीं हैं।
केवल उन्हीं विकासकों की परियोजनाओं को म्हाडा के रोका है, जिन्होंने बकाया नहीं दिया है। परियोजनाओं के समय पर पूरा न होने और निवासियों का किराया बकाया रखने के बावजूद म्हाडा की तरफ से खासा ध्यान नहीं दिया जा रहा था। लेकिन कुछ परियोजनाओं में विकासकों की तरफ से निवासियों को किराया भी नहीं दिया जा रहा था और काम भी पूरी तरह से ठप हो गया था।
इसे लेकर मुंबई गृहनिर्माण के पास शिकायत पहुंची थी। अंत में मुंबई मंडल ने पूरी तरह से रुके हुए प्रोजेक्ट्स की समीक्षा और जानकारी लेनी शुरू कर दी। उस समय ३९ पुनर्विकास परियोजनाएं पूरी तरह से ठप्प पड़ी पाई गर्इं, साथ ही इमारतों का कार्य अधूरा और निवासियों को उनके किराए से वंचित रहना पड़ रहा है।
यह जानकारी सामने आने के बाद इन विकासकों को नोटिस जारी कर सुनवाई के लिए तलब किया गया। इनमें से कई विकासकों ने परियोजनाओं को पूरा करने में असमर्थता दर्शाई। ऐसी परियोजनाओं को म्हाडा अपने कब्जे में ले, इस तरह की मांग सुनवाई के दौरान निवासियों की तरफ से की गई।
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